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इस मुस्लिम देश ने हिजाब कानून पर रोक के बाद अब WhatsApp और Google से हटाया बैन, कहीं ये ट्रंप को खुश करने की रणनीति तो नहीं?

हिजाब कानून
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ईरान, जो अक्सर सख्त कानूनों और कठोर नीतियों के लिए जाना जाता है, हाल ही में अपने दो बड़े फैसलों की वजह से चर्चा में है। देश ने सख्त “हिजाब कानून” (Hijab Law) को रोकने के साथ-साथ “व्हाट्सएप और गूगल अनबैन” (Whatsapp and Google Unban) का भी ऐलान किया है। इन बदलावों को देखकर दुनिया भर के लोग ये सोच रहे हैं कि क्या ये केवल राजनीतिक चाल है या फिर ईरान में वास्तविक बदलाव की शुरुआत हो रही है।

व्हाट्सएप और गूगल से हटाया बैन
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन की अध्यक्षता में एक अहम बैठक के दौरान ये निर्णय लिया गया कि अब ईरान के लोग व्हाट्सएप (Whatsapp) और गूगल प्ले (Google Play) का इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे पहले, इन प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, क्योंकि सरकार को डर था कि ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा दे सकते हैं।

तेहरान में सख्त इंटरनेट सेंसरशिप लागू थी, जिससे लोग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) के जरिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे। लेकिन अब इस बैन के हटने के बाद देश के लोग सीधे इन प्लेटफॉर्म्स का लाभ उठा पाएंगे।

हिजाब कानून पर रोक: महिलाओं के लिए राहत
ईरान ने महिलाओं पर लागू सख्त हिजाब कानून को फिलहाल रोक दिया है। ये कानून सितंबर 2022 में संसद से पारित हुआ था। इसके तहत, हिजाब पहनने से इनकार करने वाली महिलाओं पर भारी जुर्माने का प्रावधान था। साथ ही, ऐसी महिलाओं को सेवाएं देने वाले व्यवसायों को भी दंडित किया जाता।

राष्ट्रपति पेजेशकियन ने इस विधेयक को लागू करने से रोकने की अपील की, और अंततः इसे सरकार के पास भेजने की प्रक्रिया रोक दी गई। महिलाओं के अधिकारों के लिए ये कदम एक बड़ी जीत माना जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय दबाव का असर?
ईरान के इन बड़े फैसलों के पीछे अंतरराष्ट्रीय दबाव का हाथ माना जा रहा है। 2023 में अमेरिका ने बिग टेक कंपनियों से अपील की थी कि वे ईरान में इंटरनेट सेंसरशिप के खिलाफ कदम उठाएं। इसके बाद से ईरान पर अपनी नीतियों को नरम करने का दबाव बढ़ता गया।

इसके अलावा, पश्चिमी देशों के साथ संबंध सुधारने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ईरान को अपनी छवि सुधारने की जरूरत थी।

व्हाट्सएप और गूगल बैन का इतिहास
ईरान दुनिया के उन देशों में से एक है, जहां इंटरनेट पर सबसे सख्त नियंत्रण है। सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान व्हाट्सएप और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हुआ, जिससे सरकार ने इन पर प्रतिबंध लगा दिया। अब इस बैन को हटाना ये संकेत देता है कि ईरान अपनी छवि बदलने की कोशिश कर रहा है।

क्या ये सिर्फ एक राजनीतिक चाल है?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ये सब केवल पश्चिमी देशों को खुश करने की रणनीति है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई, जो हर बड़े फैसले में अंतिम निर्णय लेते हैं, ने अभी तक इन बदलावों पर अपनी राय स्पष्ट नहीं की है।

ईरान का हिजाब कानून और इंटरनेट बैन हटाने का फैसला देश के लिए एक बड़ा बदलाव है। ये देखा जाना बाकी है कि ये कदम देश में वास्तविक सुधार लाते हैं या फिर केवल राजनीतिक लाभ के लिए उठाए गए हैं।

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