Bangladesh Unemployment: बांग्लादेश इस समय बेरोजगारी और आर्थिक संकट के गहरे साये में है। मोहम्मद यूनुस की कार्यवाहक सरकार, जो 2024 में तख्तापलट के बाद सत्ता में आई थी, अब युवाओं की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम साबित हो रही है।
बेरोजगारी (Unemployment), जो इस संकट की मुख्य वजह रही है, आज भी बांग्लादेश के युवाओं के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण बनी हुई है। यह स्थिति न केवल देश की आंतरिक शांति के लिए खतरा है, बल्कि इसके आर्थिक ढांचे को भी कमजोर कर रही है।
तख्तापलट और बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़े
7 जुलाई 2024 को बांग्लादेश में नौकरियों में कोटा सिस्टम के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू हुआ। इस आंदोलन ने पूरे देश में हलचल मचा दी और परिणामस्वरूप शेख हसीना की 16 साल पुरानी सरकार गिर गई। तख्तापलट के दौरान हुई हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान चली गई, और शेख हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी।
हालांकि, इस तख्तापलट के बाद युवाओं को राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन हालात और बिगड़ गए। बांग्लादेश सांख्यिकी ब्यूरो (Bangladesh Bureau of Statistics – BBS) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में सितंबर 2024 तक बेरोजगारों की संख्या 26.6 लाख तक पहुंच गई थी। यह आंकड़ा 6% की वृद्धि दर्शाता है और अब 24.9 लाख तक स्थिर हो गया है।
छात्रों का टूटता सपना
तख्तापलट में भाग लेने वाले छात्रों के लिए स्थिति निराशाजनक बनी हुई है। ढाका विश्वविद्यालय के छात्र मोहम्मद रिजवान चौधरी, जिन्होंने आंदोलन में हिस्सा लिया था, ने मोहम्मद यूनुस की सरकार पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि युवाओं की समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने कहा, “सरकार ने केवल छात्र नेताओं को अपनी कैबिनेट में जगह दी है, लेकिन हमारी असली मांगों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।” यह बयान दर्शाता है कि तख्तापलट के बाद बनी सरकार ने युवाओं की उम्मीदों को गंभीरता से नहीं लिया।
आर्थिक संकट और आईएमएफ की चेतावनी
बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब हो रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund – IMF) ने सितंबर 2024 में चेतावनी दी थी कि देश की आर्थिक गतिविधियां धीमी हो रही हैं।
- मुद्रास्फीति (Inflation) लगातार दोहरे अंकों में बनी हुई है।
- टैक्स से होने वाली कमाई में भारी कमी आई है।
- सरकारी खर्चों का दबाव तेजी से बढ़ रहा है।
IMF की रिपोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जल्द ही प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।
युवाओं की उम्मीदों पर पानी फिरा
बेरोजगारी का संकट और आर्थिक मंदी युवाओं के लिए दोहरी मार बन गए हैं। छात्र नेताओं को कैबिनेट में शामिल करने के बावजूद, सरकार ने बेरोजगारी की समस्या को सुलझाने के लिए कोई ठोस नीति लागू नहीं की है।
बांग्लादेश में बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की कमी से उनका गुस्सा और निराशा बढ़ती जा रही है।
क्या है आगे का रास्ता?
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को सबसे पहले देश में रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिए। बांग्लादेश को अपनी आर्थिक गतिविधियों को तेज करने और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
इसके साथ ही, शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना और युवाओं के लिए नई नौकरियों का सृजन करना, सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल होना चाहिए।
बेरोजगारी (Unemployment) और आर्थिक संकट ने बांग्लादेश के युवाओं को हताश कर दिया है। मोहम्मद यूनुस की कार्यवाहक सरकार, जो बदलाव का वादा करके सत्ता में आई थी, अब तक इन वादों को पूरा करने में विफल रही है।
यदि सरकार जल्द ही प्रभावी कदम नहीं उठाती है, तो यह स्थिति देश को और गहरे संकट में डाल सकती है। युवाओं को उम्मीद है कि उनकी आवाज़ सुनी जाएगी और देश को इस संकट से उबारा जाएगा।
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