CBSE Results: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणामों की घोषणा की। इस साल के परिणामों ने न केवल छात्रों की मेहनत को सामने लाया, बल्कि एक बार फिर साबित किया कि लड़कियां शैक्षिक क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रही हैं। इस बार सीबीएसई परिणाम (CBSE Results) और लड़कियों का प्रदर्शन (Girls’ Performance) ने सुर्खियां बटोरीं, क्योंकि लड़कियों ने लड़कों को पीछे छोड़ते हुए शानदार प्रदर्शन किया। आइए, इस साल के परिणामों की कहानी को करीब से जानते हैं, जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।
कक्षा 12वीं के परिणामों ने इस साल कई रिकॉर्ड बनाए। कुल 88.39% छात्रों ने इस परीक्षा को पास किया, जो पिछले साल के 87.98% की तुलना में थोड़ा बेहतर है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा लड़कियों के प्रदर्शन की हो रही है। लड़कियों ने 91.64% पास प्रतिशत हासिल किया, जो लड़कों के 85.70% से लगभग छह प्रतिशत अधिक है। यह अंतर बताता है कि लड़कियां न केवल मेहनत में, बल्कि रणनीतिक पढ़ाई में भी आगे हैं। एक और खास बात यह रही कि इस साल सभी ट्रांसजेंडर छात्रों ने 100% पास प्रतिशत के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की, जो पिछले साल के 50% से एक बड़ी छलांग है। यह उपलब्धि न केवल समावेशिता को दर्शाती है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में बदलते दृष्टिकोण को भी सामने लाती है।
कक्षा 12वीं में 16.9 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 1.11 लाख से अधिक छात्रों ने 90% से ज्यादा अंक हासिल किए। इसके अलावा, 24,867 छात्रों ने 95% से अधिक अंक प्राप्त किए, जो उनकी असाधारण प्रतिभा को दर्शाता है। हालांकि, 1.29 लाख छात्रों को कंपार्टमेंट श्रेणी में रखा गया है, जिसका मतलब है कि उन्हें अपनी पढ़ाई को और मजबूत करने के लिए एक और मौका मिलेगा। क्षेत्रीय प्रदर्शन की बात करें तो आंध्र प्रदेश का विजयवाड़ा 99.60% पास प्रतिशत के साथ शीर्ष पर रहा, जबकि प्रयागराज का प्रदर्शन 80% के आसपास रहने के कारण सबसे कम रहा। यह अंतर क्षेत्रीय शैक्षिक संसाधनों और तैयारी के स्तर में भिन्नता को दर्शाता है।
कक्षा 10वीं के परिणाम भी कम रोमांचक नहीं थे। इस साल 23.71 लाख छात्रों ने परीक्षा दी, जिनमें से 22.21 लाख छात्र पास हुए, जिसका परिणाम 93.66% पास प्रतिशत रहा। यह पिछले साल के 93.60% से थोड़ा अधिक है। यहां भी लड़कियों ने बाजी मारी, जिन्होंने 95.00% पास प्रतिशत हासिल किया, जबकि लड़कों का पास प्रतिशत 92.63% रहा। यानी लड़कियां लड़कों से 2.37% आगे रहीं। ट्रांसजेंडर छात्रों ने भी इस बार 95% पास प्रतिशत के साथ शानदार प्रदर्शन किया। कुल 1.99 लाख से अधिक छात्रों ने 90% से ज्यादा अंक हासिल किए, और 45,516 छात्रों ने 95% से अधिक अंक प्राप्त किए। लेकिन 1.41 लाख छात्र कंपार्टमेंट श्रेणी में आए, जो यह दर्शाता है कि कुछ क्षेत्रों में शैक्षिक सहायता की जरूरत अभी भी बनी हुई है।
इस साल के परिणामों में क्षेत्रीय प्रदर्शन ने भी ध्यान खींचा। कक्षा 10वीं में त्रिवेंद्रम और विजयवाड़ा ने 99.79% पास प्रतिशत के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया। इसके बाद बेंगलुरु (98.90%) और चेन्नई (98.71%) का नंबर आया। दूसरी ओर, गुवाहाटी का प्रदर्शन 84.14% के साथ सबसे कम रहा। कक्षा 12वीं में भी दक्षिणी क्षेत्रों, खासकर विजयवाड़ा और त्रिवेंद्रम ने अपनी मजबूत शैक्षिक नींव को साबित किया। दिल्ली के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों ने भी क्रमशः 95.24% और 95.07% पास प्रतिशत के साथ अच्छा प्रदर्शन किया। इन आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ क्षेत्रों में शैक्षिक संसाधन और शिक्षण की गुणवत्ता अन्य क्षेत्रों से बेहतर है।
सीबीएसई ने इस साल परीक्षा प्रक्रिया को और पारदर्शी और तेज बनाने के लिए कई कदम उठाए। बोर्ड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीकों का उपयोग किया, जिससे उत्तर पुस्तिकाओं में गलतियों का पता लगाना और मूल्यांकन प्रक्रिया को तेज करना संभव हुआ। इसके अलावा, बोर्ड ने अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए टॉपर्स की सूची जारी नहीं की। हालांकि, प्रत्येक विषय में शीर्ष 0.1% छात्रों को मेरिट सर्टिफिकेट दिए जाएंगे, जो उनकी मेहनत को सम्मानित करने का एक तरीका है। यह कदम छात्रों पर दबाव कम करने और उनकी व्यक्तिगत प्रगति पर ध्यान देने के लिए उठाया गया है।
कंपार्टमेंट श्रेणी में आए छात्रों के लिए भी सीबीएसई ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। कक्षा 12वीं के छात्र एक विषय में और कक्षा 10वीं के छात्र दो विषयों में सुधार के लिए जुलाई 2025 में होने वाली पूरक परीक्षा में हिस्सा ले सकते हैं। इसके अलावा, जो छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, वे पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं। ये सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिससे छात्रों को आसानी हो। बोर्ड ने डिजिलॉकर और उमंग ऐप जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए मार्कशीट उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की है, जो आज की डिजिटल पीढ़ी के लिए सुविधाजनक है।
इस साल 39 लाख से अधिक छात्रों ने सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में हिस्सा लिया। इन परीक्षाओं का आयोजन 15 फरवरी से 4 अप्रैल 2025 तक हुआ। बोर्ड ने 7,837 परीक्षा केंद्रों के साथ इसे सुचारू रूप से संपन्न किया। इस दौरान कई सुधार भी लागू किए गए, जैसे कक्षा 12वीं में 50% योग्यता-आधारित प्रश्न शामिल करना, जिसने छात्रों की सोचने और समझने की क्षमता को परखा। इन सभी बदलावों ने परिणामों को और विश्वसनीय बनाया है।
#CBSEResults, #Class10Results, #Class12Results, #GirlsOutshine, #EducationNews
ये भी पढ़ें: Biophoton Mystery: वैज्ञानिक खुलासा- हर जिंदा चीज में है लाइट, मरते ही बुझती है