Sushila Karki: नेपाल की सियासत में एक बार फिर नया मोड़ आया है। पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की अब देश की अंतरिम प्रधानमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे हैं। गुरुवार देर रात काठमांडू में हुई एक गुप्त बैठक ने सारी बाजी पलट दी। इस बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी, और खबर है कि शुक्रवार, 12 सितंबर 2025 को इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है।
नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार गिरने के बाद से अंतरिम प्रधानमंत्री की खोज जारी है। जेन-जेड प्रदर्शनकारियों के दबाव के बाद ओली को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद देश में सियासी संकट गहरा गया। सुशीला कार्की शुरू से ही प्रदर्शनकारियों की पहली पसंद थीं, लेकिन गुरुवार को दिन में खबर आई थी कि उन्होंने पीएम बनने से इनकार कर दिया। इसके बाद जेन-जेड ने कुलमन घिसिंग का नाम आगे बढ़ाया, लेकिन उस पर सहमति नहीं बन पाई।
रात में राष्ट्रपति भवन, जिसे शीतल निवास कहा जाता है, में एक अहम बैठक हुई। इसमें नेपाल आर्मी चीफ अशोक राज सिग्देल, सुशीला कार्की, स्पीकर, राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण दहल और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश सिंह राउत मौजूद थे। इस बैठक में संविधान विशेषज्ञों से भी बात हुई। सूत्रों के मुताबिक, करीब 15 घंटे की लंबी बातचीत के बाद आर्मी चीफ ने सुशीला कार्की को मनाया, और उनके नाम पर सहमति बन गई।
सुशीला कार्की को अंतरिम पीएम बनाने के लिए खास प्रक्रिया अपनाई जाएगी। नेपाल के 2015 के संविधान में अंतरिम प्रधानमंत्री का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल एक अध्यादेश जारी कर सकते हैं। इसके तहत सुशीला को पहले संसद के उच्च सदन में नामित किया जाएगा, फिर उन्हें अंतरिम पीएम बनाया जाएगा। इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की तैयारी है।
काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने भी सुशीला कार्की का समर्थन किया है। सूत्रों का कहना है कि बालेंद्र खुद भविष्य में चुनाव लड़कर पीएम बनना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने अंतरिम पीएम का प्रस्ताव ठुकरा दिया। नेपाल में अगले छह महीनों में आम चुनाव कराने की जिम्मेदारी अंतरिम सरकार की होगी।
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