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राहुल गांधी के विदेश दौरे पर बवाल: CRPF की चिट्ठी ने खोला राज, क्या छिपा रहे हैं कांग्रेस नेता?

राहुल गांधी
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कांग्रेस के दिग्गज नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। इस बार मामला उनकी विदेश यात्राओं और कथित सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन से जुड़ा है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक चिट्ठी लिखकर सनसनीखेज खुलासा किया है। CRPF का दावा है कि राहुल गांधी ने पिछले 9 महीनों में बिना सूचना दिए 6 बार विदेश यात्राएं कीं, जिससे उनकी Z+ श्रेणी की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इस चिट्ठी ने सियासी गलियारों में हंगामा मचा दिया है।

CRPF का गंभीर आरोप: राहुल की लापरवाही से सुरक्षा को खतरा
CRPF ने अपनी चिट्ठी में राहुल गांधी पर सुरक्षा नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक, 2020 से अब तक राहुल ने 113 बार सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़े हैं। चिट्ठी में उनकी विदेश यात्राओं का ब्योरा भी दिया गया है:

  • 30 दिसंबर 2024 से 9 जनवरी 2025: इटली

  • 12 से 17 मार्च 2025: वियतनाम

  • 17 से 23 अप्रैल 2025: दुबई

  • 11 से 18 जून 2025: कतर

  • 25 जून से 6 जुलाई 2025: लंदन

  • 4 से 8 सितंबर 2025: मलेशिया

CRPF का कहना है कि बिना पूर्व सूचना के विदेश यात्राएं उनकी सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर करती हैं और इससे गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

कांग्रेस का पलटवार: चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल
कांग्रेस ने CRPF की चिट्ठी को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, “राहुल गांधी वोट चोरी जैसे गंभीर मुद्दे उठा रहे हैं और जल्द ही बड़े खुलासे करने वाले हैं। क्या सरकार उनकी आवाज दबाने के लिए ये हथकंडा अपना रही है?” कांग्रेस का दावा है कि ये चिट्ठी राहुल को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है।

BJP का तंज: राहुल क्या छिपा रहे हैं?
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी की विदेश यात्राओं की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को Z+ सुरक्षा दी गई है, लेकिन वे नियमों का पालन नहीं करते। 9 महीने में 6 बार बिना सूचना दिए विदेश गए। अगर ये निजी यात्राएं हैं, तो इसका खुलासा करें। नहीं तो सरकार को जांच समिति बनाकर ये पता लगाना चाहिए कि वे कहां जाते हैं और क्या करते हैं।” BJP ने सवाल उठाया कि आखिर राहुल गांधी अपनी विदेश यात्राओं का ब्योरा क्यों छिपाते हैं?

सियासी घमासान के बीच सवाल बरकरार
ये विवाद तब और गहरा गया, जब CRPF ने राहुल की सुरक्षा को लेकर उनकी लापरवाही पर जोर दिया। सवाल ये है कि क्या राहुल गांधी वाकई अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं, या ये एक राजनीतिक चाल है? क्या उनकी विदेश यात्राएं महज निजी हैं, या इनके पीछे कोई बड़ा रहस्य छिपा है?

आम जनता के लिए सबक
ये घटना न केवल सियासी चर्चा का विषय है, बल्कि ये हमें सुरक्षा प्रोटोकॉल की महत्ता भी दर्शाती है। क्या आप मानते हैं कि राहुल गांधी को अपनी यात्राओं का खुलासा करना चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं।

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