Bandra Flat Sold Twice with Forged Documents: मुंबई के बांद्रा में एक हैरान करने वाला प्रॉपर्टी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। एक फ्लैट, जो पहले ही 2020 में बिक चुका था, उसे 2024 में फिर से जाली दस्तावेजों और फर्जी बोर्ड रिजॉल्यूशन के जरिए बेच दिया गया। इस मामले में डेवलपर जिग्नेश शाह ने शिकायत दर्ज की है, और मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ने जांच शुरू कर दी है।
जिग्नेश शाह ने वरुण धनश्याम गोलानिया, आबिद गुलाम हुसैन, अजिंक्य वरदकर, उर्वी शाह उर्फ किमी राजपूत और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत की। शिकायत के मुताबिक, 31 जुलाई 2024 को बिक्री के लिए हुए समझौते और 22 अगस्त 2024 को तैयार सेल डीड में आबिद गुलाम हुसैन और अजिंक्य वरदकर के हस्ताक्षर गवाह के तौर पर पाए गए। जांच में पता चला कि उर्वी शाह उर्फ किमी राजपूत ने हुसैन और वरदकर के साथ मिलकर खुद को अल्ट्रा लाइफस्पेस प्राइवेट लिमिटेड का अधिकृत प्रतिनिधि बताया। लेकिन जाली बोर्ड रिजॉल्यूशन में कंपनी का नाम गलत तरीके से अल्ट्रा लिखा गया था, और डायरेक्टर्स के हस्ताक्षरों में भी गड़बड़ी पाई गई।
कंपनी ने साफ किया कि फ्लैट नंबर 1304, बिल्डिंग 81, औरिएट, के.सी. मार्ग, जे.जे. कॉलोनी, रिक्लेमेशन, बांद्रा (पश्चिम) को दिसंबर 2020 में श्रुति मयंक शाह को कानूनी तौर पर बेचा गया था। इसके बावजूद, आरोपियों ने मिलकर जाली बोर्ड रिजॉल्यूशन बनाया, हस्ताक्षरों में हेराफेरी की और दस्तावेजों को असली जैसा दिखाने की कोशिश की। इन जाली दस्तावेजों के आधार पर आरोपियों ने उसी फ्लैट को केतन पटेल नाम के शख्स को बेच दिया।
शिकायत में कहा गया है कि ये जाली दस्तावेज कंपनी और फ्लैट की असली मालकिन श्रुति शाह को धोखा देने के इरादे से बनाए गए थे। बांद्रा पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है और आगे की जांच शुरू कर दी है। यह घटना मुंबई के रियल एस्टेट बाजार में धोखाधड़ी की बढ़ती समस्या को उजागर करती है, जहां लोग जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर मासूम खरीदारों को ठग रहे हैं।
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