Congress Silent on Raj Thackeray: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों हलचल तेज है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हाल ही में दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘वोट चोरी’ के खिलाफ अभियान को समर्थन दिया। यह अभियान चुनाव आयोग पर कथित धोखाधड़ी के खिलाफ है। लेकिन इस बीच, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच बढ़ती नजदीकियों पर कांग्रेस ने अभी तक कोई स्पष्ट रुख नहीं दिखाया है।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथाला ने मंगलवार को कहा कि उद्धव और राज ठाकरे का एक साथ आना उनका पारिवारिक मामला है। उन्होंने साफ किया कि राज ठाकरे अभी तक महाविकास अघाड़ी (MVA) में शामिल नहीं हुए हैं। अगर दोनों भाई गठबंधन का फैसला करते हैं, तो कांग्रेस इस पर विचार करेगी और अपना रुख तय करेगी।
चेन्निथाला ने बताया कि MVA ने अक्टूबर 2024 में चुनाव आयोग को कई निर्वाचन क्षेत्रों में कथित धोखाधड़ी की शिकायत की थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में MVA ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव में वोट चोरी की वजह से महायुति को जीत मिली।
उद्धव ठाकरे ने ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर महायुति सरकार के खिलाफ ‘जनाक्रोश मोर्चा’ भी निकाला। इस मोर्चे में उन्होंने जनता के बीच जाकर महायुति सरकार पर निशाना साधा। दूसरी ओर, राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और शिवसेना (यूबीटी) के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा जोरों पर है। खासकर आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में दोनों पार्टियां साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती हैं।
हालांकि, कांग्रेस इस गठबंधन पर अभी सतर्क रुख अपना रही है। पार्टी के नेता इस बात को लेकर सावधान हैं कि राज ठाकरे का MVA में शामिल होना गठबंधन की रणनीति और वोट बैंक को कैसे प्रभावित करेगा। महाराष्ट्र की सियासत में यह नया घटनाक्रम सभी की नजरें अपनी ओर खींच रहा है।
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