आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव, और गलत खानपान ने हार्ट डिजीज को आम बना दिया है। हर उम्र के लोग किसी न किसी रूप में दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इनमें सबसे गंभीर है हार्ट फेल्योर, जो चुपके-चुपके बढ़ता है और अचानक जानलेवा बन सकता है। खास बात ये है कि हमारा शरीर पहले ही इसके संकेत देना शुरू कर देता है, खासकर रात में सोते वक्त। लेकिन ज्यादातर लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। आइए, जानते हैं उन 5 बड़े लक्षणों के बारे में, जो रात में बिस्तर पर लेटने के बाद दिखाई देते हैं और हार्ट फेल्योर की चेतावनी हो सकते हैं।
1. लेटते ही सांस फूलना
क्या आपको सीधे लेटने पर सांस लेने में दिक्कत होती है? या फिर आपको तकिए का सहारा लेकर सोना पड़ता है? अगर हां, तो ये खतरे की घंटी हो सकती है। ये लक्षण फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा होने का संकेत हो सकता है, जो हार्ट फेल्योर का एक प्रमुख लक्षण है। इसे ऑर्थोपनिया कहते हैं, और ये तब होता है जब दिल ठीक से खून पंप नहीं कर पाता।
2. सांस में घरघराहट या खांसी
रात में सोते समय अगर सांस लेते वक्त घरघराहट की आवाज आती है या बार-बार खांसी उठती है, तो इसे हल्के में न लें। ये फेफड़ों में जमा तरल के कारण हो सकता है, जिसे पल्मोनरी एडिमा कहते हैं। ये स्थिति अस्थमा जैसी लग सकती है, लेकिन ये हार्ट फेल्योर का संकेत भी हो सकती है।
3. पैरों या टखनों में सूजन
जब आप रात को आराम करने के लिए लेटते हैं और पैरों या टखनों में सूजन महसूस होती है, तो ये दिल की कमजोरी का लक्षण हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर में जमा अतिरिक्त तरल नसों के जरिए वापस नहीं लौट पाता। इसे एडिमा कहते हैं, और ये हार्ट फेल्योर की ओर इशारा करता है।
4. बिना कारण वजन बढ़ना
अगर आपका वजन अचानक बढ़ रहा है, खासकर पेट या टांगों में सूजन के साथ, तो सावधान हो जाएं। ये शरीर में अतिरिक्त तरल और फैट जमा होने का संकेत हो सकता है। हार्ट फेल्योर के कारण शरीर तरल पदार्थ को ठीक से प्रबंधित नहीं कर पाता, जिससे वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
5. रात में बेचैनी और थकान
पूरी रात करवटें बदलना, नींद न आना, या सुबह उठने पर भी थकान महसूस करना सामान्य नहीं है। अगर आप रात में अच्छी नींद नहीं ले पा रहे हैं, तो ये इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका दिल शरीर को पर्याप्त रक्त आपूर्ति नहीं कर पा रहा। ये हार्ट फेल्योर का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
हार्ट फेल्योर के संभावित बड़े कारण
कुछ कारक हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ाते हैं, जैसे:
हाई ब्लड प्रेशर: लगातार उच्च रक्तचाप दिल पर दबाव डालता है।
डायबिटीज: ये रक्त वाहिकाओं और दिल को नुकसान पहुंचा सकता है।
पारिवारिक इतिहास: अगर परिवार में किसी को हार्ट डिजीज रही है, तो आपको ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।
हार्ट फेल्योर से बचाव के आसान उपाय
हार्ट फेल्योर से बचने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में ये छोटे-छोटे बदलाव लाएं:
धूम्रपान और तंबाकू छोड़ें: ये दिल की सेहत के लिए सबसे जरूरी कदम है।
हेल्दी डाइट अपनाएं: तेल, घी और फैट कम करें। फल, सब्जियां, और साबुत अनाज को डाइट में शामिल करें।
तनाव कम करें: योग, मेडिटेशन या गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं।
नियमित व्यायाम करें: रोजाना 30 मिनट तेज वॉक, साइकिलिंग या स्विमिंग करें।
पर्याप्त नींद लें: 7-8 घंटे की अच्छी नींद दिल को स्वस्थ रखती है।
नियमित चेकअप: खासकर अगर आपको डायबिटीज, हाई बीपी या फैमिली हिस्ट्री है, तो समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराएं।
हार्ट फेल्योर कोई छोटी-मोटी समस्या नहीं है, लेकिन सही समय पर इसके लक्षणों को पहचानकर और जीवनशैली में बदलाव लाकर आप इससे बच सकते हैं। रात में दिखने वाले इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आपका दिल आपकी जिंदगी का इंजन है, इसे स्वस्थ रखें!
अस्वीकरण: ये लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।
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