Thackeray Faction to Empty Post-Dussehra?: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों हलचल मची हुई है। स्थानीय निकाय चुनावों का माहौल गरम है, और नेताओं का पार्टियों में आना-जाना जोरों पर है। इसी बीच शिवसेना शिंदे गुट के उपनेता और विधान परिषद सदस्य कृपाल तुमाने ने एक ऐसा दावा किया है, जिसने सियासी गलियारों में तूफान ला दिया। नागपुर में मीडिया से बात करते हुए तुमाने ने कहा कि दशहरा समागम के बाद ठाकरे गुट के सिर्फ दो विधायकों को छोड़कर बाकी सभी शिंदे सेना में शामिल हो जाएंगे।
तुमाने ने दावा किया कि ठाकरे गुट के कई नेता और कार्यकर्ता शिंदे सेना के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि सांसद संजय राऊत की वजह से ठाकरे गुट में बेचैनी है, और दशहरे के बाद ठाकरे की शिवसेना में कोई बचा नहीं रहेगा। इस बयान ने ठाकरे गुट को तिलमिला दिया। जवाब में ठाकरे गुट के संपर्क प्रमुख सतीश हरडे ने तुमाने पर तीखा हमला बोला।
सतीश हरडे ने कहा कि कृपाल तुमाने को उद्धव ठाकरे ने तीन बार लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया था। वे दो बार सांसद बने, लेकिन ठाकरे का एहसान भूल गए। हरडे ने तुमाने को देशद्रोही बताते हुए कहा कि शिंदे गुट में शामिल होने के बाद उनकी उम्मीदवारी छिन गई और उन्हें विधान परिषद में पिछले दरवाजे से भेजा गया। अब शिंदे गुट में उनकी कोई अहमियत नहीं है, इसलिए वे ऐसे बयान देकर सुर्खियां बटोरने की कोशिश कर रहे हैं।
यह विवाद महाराष्ट्र की सियासत में नया मोड़ ला सकता है। शिंदे गुट का दावा है कि उनकी पार्टी को जनता का समर्थन है, और स्थानीय निकाय चुनावों में भी वे मजबूत स्थिति में हैं। दूसरी तरफ, ठाकरे गुट इन दावों को झूठा बता रहा है और अपनी एकजुटता का दम भर रहा है।
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