इजरायल पर हमला: यमन के हूती विद्रोहियों ने हाल ही में इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया, जिससे इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम, ‘आयरन डोम’, असफल हो गया। यह हमला गाजा के मौजूदा संघर्ष के बीच एक नई चुनौती के रूप में उभरा है, जहां पहले से ही इजरायल और हमास के बीच लड़ाई जारी है। इस हमले ने इजरायल के लिए गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा कर दिया है, साथ ही वैश्विक स्तर पर बढ़ती चिंता भी सामने आई है।
हूती विद्रोहियों का मिसाइल हमला और उसकी प्रतिक्रिया
यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा किया गया यह हमला इजरायल के लिए एक बड़ा झटका था। इजरायली एयर डिफेंस के आयरन डोम सिस्टम ने इस हमले को रोकने में नाकामयाबी पाई, जिससे मिसाइल राजधानी के मध्य हिस्से में जा गिरी। इस घटना के बाद पूरे शहर में सायरन बजने लगे और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। इस हमले में हालांकि किसी भी व्यक्ति की मौत या चोट की सूचना नहीं है, पर इसने इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हिज्बुल्लाह और हूती विद्रोही दोनों ने हाल के दिनों में इजरायल पर हमलों की श्रृंखला शुरू कर दी है। इससे पहले लेबनान के आतंकी समूह हिज्बुल्लाह ने भी ड्रोन और रॉकेट से हमला किया था। यह दर्शाता है कि इजरायल अब एक से अधिक मोर्चों पर हमलों का सामना कर रहा है, और इसके सुरक्षा उपायों पर गंभीर चुनौती उत्पन्न हो रही है।
गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई और मानवीय संकट
इजरायल की गाजा में सैन्य कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। हाल ही में हुए हवाई हमलों में कम से कम 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। खान यूनिस जैसे इलाकों में इजरायली हमलों ने आम नागरिकों की जिंदगी को तहस-नहस कर दिया है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि इजरायल की इन कार्रवाइयों में सबसे अधिक नुकसान बच्चों को हो रहा है, जिनमें से कई अपनी सुनने और बोलने की क्षमता खो चुके हैं।
गाजा में हमास द्वारा इजरायली नागरिकों को बंधक बनाने की घटना भी इस संघर्ष का महत्वपूर्ण हिस्सा बनी हुई है। हमास ने इजरायल पर हमला कर करीब 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाया था, जिनमें से कई को मार दिया गया है। इस बीच, गाजा में जंग रोकने की मांग को लेकर इजरायल में जनता के विरोध प्रदर्शन भी तेज हो गए हैं।
इजरायल की जनता का विरोध और नेतन्याहू सरकार पर सवाल
तेल अवीव की सड़कों पर हजारों लोग बंधकों की रिहाई और जंग को रोकने की मांग कर रहे हैं। जनता का कहना है कि सरकार जंग को लंबा खींच रही है और बंधकों की रिहाई के लिए गंभीर कदम नहीं उठा रही है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है, क्योंकि लोग मानते हैं कि सरकार की नीतियां स्थिति को और बिगाड़ रही हैं।
हमास के बंधक और इजरायल की रणनीति
हमास के कब्जे में अभी भी 110 इजरायली नागरिक बंधक हैं। इजरायल की जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय बंधकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। हालांकि हमास ने कई बंधकों को रिहा कर दिया है, लेकिन जंग के बढ़ने से बंधकों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। इजरायली सरकार पर आरोप है कि वह बंधकों की रिहाई पर ध्यान नहीं दे रही, बल्कि जंग को प्राथमिकता दे रही है।
इस हालिया हमले ने इजरायल और मध्य पूर्व के संघर्ष को एक नए मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। इजरायल की सुरक्षा और गाजा के नागरिकों की स्थिति दोनों ही गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह संघर्ष किस दिशा में आगे बढ़ता है और क्या कोई कूटनीतिक समाधान निकल सकता है।
ये भी पढ़ें: 16 सितम्बर 2024 का राशिफल: जानिए कैसा रहेगा आपके लिए आज का दिन