10वीं-12वीं में फेल हुए छात्रों को पढ़ाई का दूसरा मौका: अगर आप, आपका कोई दोस्त, या रिश्तेदार 10वीं-12वीं की परीक्षा में एक या ज्यादा बार फेल हो चुके हैं, तो ये खबर आपके लिए है! सरकार ने एक बेहतरीन फैसला लिया है जिससे अब फेल हुए छात्र भी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे और एक अच्छा भविष्य बना सकेंगे।
समस्या क्या थी? भारत में हर साल लाखों बच्चे 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा पास नहीं कर पाते। कई स्कूल फेल हुए बच्चों को दोबारा दाखिला नहीं देते थे। ऐसे में बच्चे हताश होकर पढ़ाई ही छोड़ देते थे, और उनका पूरा जीवन प्रभावित होता था।
सरकार ने क्या सोचा? शिक्षा मंत्रालय को लगा कि ये सही नहीं है। हर बच्चे को अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए। इसलिए, उन्होंने एक नया नियम बनाने का फैसला किया है।
नया नियम क्या है? अब कोई भी स्कूल 10वीं या 12वीं में फेल हुए छात्र को दाखिला देने से इंकार नहीं कर सकता। स्कूल में उन्हें नियमित छात्रों के साथ पढ़ने का मौका मिलेगा। साथ ही सरकार उनके लिए विशेष कक्षाएं भी चलाएगी ताकि वो अच्छा प्रदर्शन कर सकें।
और एक अच्छी बात: अब उनके प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) पर कहीं भी ये नहीं लिखा होगा कि वो फेल हुए थे! इससे उनका मनोबल बढ़ेगा।
क्यों है ये जरूरी? सालों से देखा गया है कि कई बच्चे अलग-अलग वजहों से बोर्ड परीक्षा में फेल हो जाते हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो पढ़ने में कमजोर हैं। इस नए नियम के आने से ऐसे छात्रों को एक दूसरा मौका मिलेगा।
देश के लिए भी फायदा: अगर ज्यादा से ज्यादा बच्चे पढ़-लिख जाएंगे, तो हमारा देश भी और तरक्की करेगा!
ओपन स्कूल का विकल्प: जो बच्चे किसी कारण से नियमित स्कूल में नहीं पढ़ना चाहते, वो ओपन स्कूल में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं।
सरकार का लक्ष्य: शिक्षा मंत्रालय चाहता है कि जल्द ही भारत में हर बच्चा कम से कम 12वीं पास हो।