इस लेख में हम बात करेंगे कि कैसे इसरो ने अपने नए रॉकेट SSLV-D3 से EOS-08 नाम के एक नए सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा है। यह सैटेलाइट धरती की निगरानी करेगा और कई महत्वपूर्ण काम करेगा।
इसरो की नई कामयाबी: EOS-08 सैटेलाइट अंतरिक्ष में पहुंचा
भारत के अंतरिक्ष विभाग इसरो ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है। 16 अगस्त, 2024 को सुबह 9:17 बजे, इसरो ने अपने नए रॉकेट SSLV-D3 से EOS-08 नाम के एक नए सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा। यह लॉन्च आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से हुआ।
EOS-08 सैटेलाइट क्या है और क्या करेगा?
EOS-08 एक छोटा सा सैटेलाइट है जो धरती की निगरानी करेगा। इसका वजन लगभग 175.5 किलोग्राम है। यह सैटेलाइट एक साल तक काम करेगा। इसमें तीन खास उपकरण लगे हैं:
- कैमरा (EOIR): यह दिन और रात में तस्वीरें खींच सकता है। इससे जंगल में आग लगने, ज्वालामुखी फटने, या किसी आपदा का पता लगाया जा सकेगा।
- GNSS-R: यह समुद्र की हवाओं, मिट्टी में पानी की मात्रा, और हिमालय के बर्फीले इलाकों के बारे में जानकारी देगा। इससे बाढ़ का भी पता लगाया जा सकेगा।
- UV डोसीमीटर: यह गगनयान मिशन में काम आएगा। यह अंतरिक्ष यात्रियों को खतरनाक किरणों से बचाएगा।
SSLV-D3 रॉकेट के बारे में
SSLV-D3 इसरो का नया रॉकेट है। यह छोटे सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजने के लिए बनाया गया है। इस रॉकेट को तीसरी बार परीक्षण के लिए भेजा गया था। इस बार यह परीक्षण सफल रहा और सैटेलाइट सही जगह पर पहुंच गया।
इस साल यह इसरो का तीसरा मिशन था। इससे पहले जनवरी और फरवरी में भी इसरो ने दो सफल मिशन किए थे।
इस तरह, इसरो ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ रहा है। EOS-08 सैटेलाइट से हमें धरती के बारे में बहुत सी नई और जरूरी जानकारियां मिलेंगी।