ममता की मोदी को चुनौती: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा के लोकसभा चुनाव प्रचार में नरेंद्र मोदी को ‘प्रधानमंत्री’ के रूप में संदर्भित करने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे एक विडंबना बताया कि जो आलोचक पहले उच्च-प्रोफाइल भ्रष्ट व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की कमी पर शिकायत करते थे, वे अब इन्हीं कार्रवाइयों का विरोध कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने लोगों से अपील की है कि वे भाजपा द्वारा निर्मित किसी भी “सांप्रदायिक विभाजन के जाल” में न फंसें। उन्होंने इसे भाजपा की ओर से एक खतरनाक खेल बताया और कहा कि वह सभी समुदायों के लोगों से प्यार करती हैं, चाहे वे मारवाड़ी हों, बिहारी हों या अन्य, जो मिलकर पश्चिम बंगाल की सुंदरता को बनाते हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वे भाजपा के किसी भी सांप्रदायिक विभाजन के जाल में न पड़ें।
इसके अलावा, ममता बनर्जी ने यह भी बताया कि वह 1 जून को होने वाली INDIA ब्लॉक की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी, क्योंकि उस दिन पश्चिम बंगाल में चुनाव का सातवां चरण है। उन्होंने कहा कि INDIA ब्लॉक ने 1 जून को बैठक निर्धारित की है, लेकिन उस दिन उनके राज्य में मतदान होने के कारण वे उसमें शामिल नहीं हो पाएंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे अन्य राज्यों में भी चुनाव हो रहे हैं।
ममता बनर्जी की इन टिप्पणियों से यह स्पष्ट होता है कि वे भाजपा के चुनाव प्रचार के तरीकों और उनके द्वारा निर्मित सांप्रदायिक विभाजन के जाल के खिलाफ हैं। उनकी यह टिप्पणियां भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकती हैं।