मुंबई: बुलढाणा के एक 28 साल के शख्स के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसकी वजह से उसे ज़िंदगी भर परेशानियों का सामना करना पड़ा। उसका जन्म तो जेल में हुआ था, लेकिन उसके जन्म प्रमाण पत्र में जन्म स्थान “बुलढाणा जेल” लिख दिया गया। इस वजह से उसे परिवार और गांव वालों के तानों के साथ-साथ नौकरी पाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
क्या है पूरा मामला?
सुनील घुले नाम के इस शख्स के माता-पिता जब जेल में थे, तभी उसका जन्म हुआ था। उसकी मां को डिलीवरी के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन जेल अधिकारियों ने बच्चे के जन्म स्थान के रूप में “जेल” ही लिखवा दिया। इस गलती के कारण सुनील को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।
आखिरकार मिली राहत
अगस्त 2023 में सुनील ने राज्य मानवाधिकार आयोग (SHRC) में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद राजस्व अधिकारियों ने इस गलती को स्वीकार किया और मार्च में सुनील के जन्म प्रमाण पत्र में सुधार किया गया।
3 लाख का मुआवजा
SHRC ने जेल और नगरपालिका अधिकारियों को सुनील को हुई मानसिक पीड़ा के लिए 3 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र जेल नियमावली के नियमों का पालन किए बिना अधिकारियों ने जन्म प्रमाण पत्र में स्थायी पता “बुलढाणा जेल” के रूप में दिखाया।
जेल अधिकारियों को फटकार
आयोग ने जेल अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि नियमों में स्पष्ट प्रावधान होने के बावजूद उन्होंने इसका पालन नहीं किया और शिकायतकर्ता के जन्मस्थान का नाम गलत दर्ज किया। इस गलती के कारण शिकायतकर्ता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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