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मुंबई को मिलेंगी और भी कचरा डालने की जगह! देवनार के डंपिंग ग्राउंड का बोझ होगा कम

मुंबई को मिलेंगी और भी कचरा डालने की जगह! देवनार के डंपिंग ग्राउंड का बोझ होगा कम

मुंबई के पास फिलहाल सिर्फ तीन लैंडफिल हैं – देवनार, कंजुरमार्ग और मुलुंड।  इसमें से मुलुंड का लैंडफिल बंद होने की कगार पर है।  इसलिए BMC अब कूड़ा प्रोसेस करने का तरीका बदलने पर विचार कर रही है।

मुंबई के लोगों को पता होगा कि देवनार डंपिंग ग्राउंड कितनी बड़ी समस्या है। आसपास के रहने वाले प्रदूषण की वजह से परेशान हैं। BMC का लक्ष्य है कि जितना हो सके, कचरे की प्रोसेसिंग शहर के अलग-अलग हिस्सों में ही हो जाए ताकि देवनार और कंजुरमार्ग पर बोझ कम हो।

अभी कंजुरमार्ग का वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट कुल कचरे का 80% हिस्सा उठाता है। BMC अब Refused Transfer Stations (RTS) भी बना रही है जहां कुछ समय के लिए कूड़ा इकट्ठा किया जाता है। फिर उस कूड़े को ट्रकों में भरकर लैंडफिल में ले जाया जाता है। BMC का कहना है कि वो 15 किलोमीटर के दायरे में कम से कम एक RTS बनाना चाहती है।

हाल ही में म्युनिसिपल कमिश्नर ने कंजुरमार्ग लैंडफिल का दौरा भी किया था।

देवनार के लिए ये एक अच्छी खबर है! RTS बनने से वहां कम कूड़ा पहुंचेगा और धीरे-धीरे वहां का लैंडफिल खाली किया जा सकेगा। मुंबई में हर रोज़ करीब 6300 मीट्रिक टन कचरा निकलता है, जिसमें से लगभग 4500 टन कंजुरमार्ग पहुंचता है। देवनार में एक 600-मीट्रिक टन वाला वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट भी बनाने की योजना है।

महरौली, कुर्ला, वर्सोवा और गोराई जैसे इलाकों में पहले से RTS हैं। मुलुंड का लैंडफिल इसलिए बंद किया जा रहा है क्योंकि वो धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट में आ रहा है।

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