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Documents That Prove Indian Citizenship: पासपोर्ट नहीं, आधार भी नहीं! जानिए कौन से कागज साबित करते हैं आप भारतीय हैं!

Documents That Prove Indian Citizenship: पासपोर्ट नहीं, आधार भी नहीं! जानिए कौन से कागज साबित करते हैं आप भारतीय हैं!

Documents That Prove Indian Citizenship: भारत में नागरिकता का मुद्दा इन दिनों हर किसी की जुबान पर है, खासकर बिहार में वोटर लिस्ट को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद। लोग डरे हुए हैं कि उनके पास वो दस्तावेज हैं या नहीं, जो साबित करें कि वे भारत के नागरिक हैं। कई लोग सोचते हैं कि आधार कार्ड या वोटर आईडी ही काफी है, लेकिन सच इससे अलग है। भारत में नागरिकता साबित करने के लिए कुछ खास दस्तावेजों की जरूरत होती है।

पहला और सबसे मजबूत दस्तावेज है भारतीय पासपोर्ट। यह विदेश मंत्रालय की ओर से जारी होता है और इसे दुनिया भर में नागरिकता के सबूत के तौर पर माना जाता है। अगर आपके पास पासपोर्ट है, तो आपकी नागरिकता पर कोई सवाल नहीं उठ सकता। लेकिन भारत में हर किसी के पास पासपोर्ट नहीं होता, खासकर गाँवों में रहने वाले लोग इसे बनवाने से कतराते हैं।

दूसरा दस्तावेज है नेशनलिटी सर्टिफिकेट। यह खास परिस्थितियों में जिला अधिकारी या राज्य सरकार जारी करती है। जैसे कि अगर किसी को सरकारी नौकरी या स्कूल-कॉलेज में दाखिले के लिए अपनी नागरिकता साबित करनी हो। लेकिन यह सर्टिफिकेट बहुत कम लोगों के पास होता है, क्योंकि इसे लेने की प्रक्रिया जटिल है और इसके लिए जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता की नागरिकता जैसे कई कागज चाहिए।

तीसरा है नेचुरलाइजेशन सर्टिफिकेट। यह उन विदेशी नागरिकों को मिलता है, जो भारत की नागरिकता लेना चाहते हैं। गृह मंत्रालय इसे नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत जारी करता है। यह दस्तावेज ज्यादातर उन लोगों के लिए है, जो पहले विदेशी थे और अब भारत के नागरिक बन गए हैं।

चौथा दस्तावेज है जन्म प्रमाण पत्र। यह तब काम आता है, जब आपके माता-पिता भारतीय नागरिक हों और आपका जन्म भारत में हुआ हो। लेकिन अगर माता-पिता की नागरिकता साफ नहीं है, तो यह अकेला दस्तावेज काफी नहीं होता।

लोग अक्सर गलती कर बैठते हैं और आधार कार्ड, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस को नागरिकता का सबूत मान लेते हैं। लेकिन यह सच नहीं है। आधार कार्ड सिर्फ आपकी पहचान और पता बताता है, न कि नागरिकता। वोटर आईडी सिर्फ वोट डालने का हक देता है, और ड्राइविंग लाइसेंस तो सिर्फ गाड़ी चलाने की अनुमति देता है।

बिहार में हाल ही में वोटर लिस्ट को अपडेट करने की प्रक्रिया ने लोगों में डर पैदा कर दिया है। खासकर गाँवों में, जहाँ कई लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र या पासपोर्ट जैसे दस्तावेज नहीं हैं। पुराने समय में, खासकर 70-80 के दशक में, कई लोगों का कोई लिखित रिकॉर्ड ही नहीं बनता था। ऐसे में नागरिकता साबित करना उनके लिए बड़ी मुश्किल बन गया है।

पूर्वोत्तर राज्यों, जैसे असम और बंगाल, में नागरिकता का मुद्दा पहले से ही गर्म है। असम में एनआरसी की प्रक्रिया ने 19 लाख से ज्यादा लोगों को नागरिकता की सूची से बाहर कर दिया था। अब बिहार में भी वोटर लिस्ट की जांच ने लोगों को परेशान कर दिया है। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) ने भी इस मुद्दे को और उलझा दिया है, क्योंकि इसमें धर्म के आधार पर नागरिकता देने की बात कही गई है, जिससे देशभर में बहस छिड़ी हुई है।

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