महाराष्ट्र के पुणे जिले में रविवार (15 जून) को इंद्रायणी नदी पर बना लोके का पुल ढह गया, जिसके चलते एक बड़ा हादसा हो गया। इस दुखद घटना में तीन लोगों की जान चली गई, जबकि 38 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने इस हादसे का कारण पुराने और जर्जर पुल को बताया।
हादसे का कारण: पुराना और जंग खाया पुल
अजित पवार ने बताया कि इंद्रायणी नदी पर बना ये पुल काफी पुराना था और इसमें जंग लगने के कारण ये कमजोर हो गया था। उनके अनुसार, पुल पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे, जिसके भार को ये सहन नहीं कर सका और ढह गया। अजित पवार ने ये भी कहा कि इसकी जगह नए पुल का निर्माण किया जाना था, लेकिन ये काम अभी शुरू नहीं हुआ था।
हादसे में नुकसान और रेस्क्यू ऑपरेशन
पुणे जिला कलेक्टर जितेंद्र डूडी ने जानकारी दी कि इस हादसे में 38 लोगों को बचाया गया है, जिनमें से 30 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें 6 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। अभी ये पता लगाया जा रहा है कि हादसे के समय पुल पर कितने लोग मौजूद थे और कितने लोग लापता हैं।
पुणे ग्रामीण पुलिस, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और अन्य रेस्क्यू टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। ये हादसा मवाल तहसील के कुंडमाला इलाके में हुआ, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। हाल के दिनों में पुणे में लगातार हो रही बारिश के कारण इंद्रायणी नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है, जिसने स्थिति को और जटिल बना दिया।
सरकार की ओर से मुआवजा और सहायता
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के लिए 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। इसके साथ ही, राज्य सरकार घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी। ये जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी गई।
हादसे की जांच और भविष्य की योजना
अजित पवार ने कहा कि इस हादसे की कई कहानियां सामने आ रही हैं, लेकिन प्रारंभिक जांच में पुराने और जर्जर पुल को ही मुख्य कारण माना जा रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि इस हादसे की गहन जांच की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
पुणे के कुंडमाला इलाके में ये हादसा उस समय हुआ जब पर्यटकों की भारी भीड़ वहां मौजूद थी। स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीमें स्थिति को नियंत्रित करने और लापता लोगों को खोजने में जुटी हैं।
ये हादसा पुणे के लिए एक बड़ा झटका है और पुराने ढांचों की मरम्मत और रखरखाव की जरूरत को उजागर करता है। सरकार की ओर से तत्काल सहायता और मुआवजे की घोषणा ने प्रभावित परिवारों को कुछ राहत दी है, लेकिन इस तरह के हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
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