महाराष्ट्र के नासिक शहर में एक ऐसी घटना ने सबके दिलों को झकझोर दिया है, जिसने एक परिवार को हमेशा के लिए दर्द की गहराई में धकेल दिया। 16 साल के यशराज गंगुर्डे, एक मासूम और होनहार छात्र, जिसके सपने अभी अधूरे थे, उसे उसी के दो सहपाठियों ने बेरहमी से मार डाला। ये दुखद घटना सतपुर के अशोक नगर इलाके में हुई, जहां यशराज का घर था। शनिवार की शाम, कोचिंग सेंटर के बाहर, एक छोटी सी बात ने इतना भयानक रूप ले लिया कि एक जिंदगी हमेशा के लिए खत्म हो गई।
क्या थी वजह?
ये सब शुरू हुआ एक छोटे से विवाद से। यशराज का अपने क्लास के दो नाबालिग सहपाठियों के साथ बुधवार को स्कूल में बेंच पर बैठने को लेकर झगड़ा हुआ था। उस वक्त मामला शांत हो गया था, लेकिन शनिवार को कोचिंग सेंटर के बाहर पुरानी बात फिर से तूल पकड़ गई। बहस बढ़ी, और देखते ही देखते ये झगड़ा हिंसक हो गया। दोनों नाबालिगों ने यशराज पर लात-घूंसों की बरसात कर दी। मासूम यशराज इस बेरहम पिटाई को सहन न कर सका और बेहोश हो गया।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
स्थानीय लोगों ने तुरंत यशराज को नजदीकी निजी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यशराज के परिवार के लिए ये दुख असहनीय है। चार साल पहले ही यशराज के पिता का निधन हो गया था, और अब यशराज की इस तरह मौत ने परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है। उनकी मां और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
समाज में गूंजा गुस्सा और डर
ये घटना न केवल गंगुर्डे परिवार के लिए, बल्कि पूरे अशोक नगर और नासिक के लोगों के लिए एक बड़ा झटका है। लोग सदमे में हैं और स्कूल-कोचिंग प्रबंधन से सवाल कर रहे हैं। आखिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई? क्यों नहीं समय रहते बच्चों के बीच हो रहे विवादों को रोका गया? स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि स्कूल और कोचिंग सेंटरों में बच्चों की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जाए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
पुलिस की कार्रवाई और अपील
सतपुर पुलिस स्टेशन में इस मामले में शिकायत दर्ज की गई है, और दोनों नाबालिग आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही, पुलिस ने अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन से अपील की है कि बच्चों के बीच छोटे-मोटे विवादों को हल्के में न लें। समय रहते हस्तक्षेप और उचित कदम उठाकर ऐसी त्रासदियों को रोका जा सकता है।
एक मासूम का अधूरा सफर
यशराज, जो 10वीं कक्षा में पढ़ता था, अपने परिवार का सहारा था। उसके सपने, उसकी हंसी, और उसकी मासूमियत अब केवल यादों में रह गई है। ये घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों के बीच छोटी-छोटी बातें कितना बड़ा रूप ले सकती हैं। आइए, हम सब मिलकर ये सुनिश्चित करें कि हमारे बच्चे सुरक्षित रहें, और ऐसी दिल दहलाने वाली घटनाएं फिर कभी न हों।
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