आज़ादी के अमृत महोत्सव के नाम पर, महाराष्ट्र सरकार ने जेलों में बंद कैदियों को खुशखबरी सुनाई है। करीब 8 हजार कैदी कुछ खास शर्तों के चलते जल्द ही रिहा हो जाएंगे। इन्हें सरकार बोल रही है ‘आम माफी’!
जेल के अफसरों का कहना है कि उन्होंने उन कैदियों की लिस्ट बनाई है, जिनका जेल में बर्ताव अच्छा रहा है। इन्हें कम से कम एक महीने, और ज्यादा से ज्यादा उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अब सरकार ने 5 दिन से लेकर 15 महीने तक की सजा कम करने का फैसला किया है। मतलब, कुछ हजार कैदी तो 10-15 दिन में ही छूट जाएंगे!
अब सरकार इसे ‘सुधार और पुनर्वास’ का नाम दे रही है, पर असली बात ये है कि इससे जेलों पर बोझ भी कम होगा। हजारों बंदियों को खिलाना-पिलाना भी कोई सस्ता काम नहीं है!
कुछ कैदियों को ये माफी नहीं मिलेगी – जैसे वो, जो देश-विरोधी गतिविधियों में थे, या जिन्हें आतंकवाद का दोषी पाया गया है। इसके अलावा, जिनका जेल में चाल-चलन ठीक नहीं रहा, वो भी इस माफी के लायक नहीं हैं।
अच्छा है, कुछ लोगों को तो फायदा होगा ही। पर सरकारें ऐसे मौकों पर ही थोड़ी नरमी दिखाती हैं, वरना जेलों की हालत तो सबको पता है। चलिए, उम्मीद है कि रिहा होने के बाद ये लोग समाज में वापस आकर सुधर जाएंगे!