मुंबई

प्यार में धोखा: पत्नी ने प्रेमी से करवाई पती की हत्या! बेटी ने किया सनसनीखेज खुलासा

प्रेमी

मुंबई की आरे कॉलोनी में एक दिल दहलाने वाली घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया। एक पत्नी, जिसका नाम राजश्री अहिरे (35 वर्ष) है, ने अपने प्रेमी चंद्रशेखर पडायाची और उसके साथी रंगा के साथ मिलकर अपने ही पति, भरत लक्ष्मण अहिरे, की हत्या की साजिश रची। भरत, एक मेहनती मेकअप आर्टिस्ट, जिन्होंने अपने परिवार के लिए दिन-रात मेहनत की, इस क्रूर साजिश का शिकार बन गए। इस कहानी में प्यार, धोखा, और एक परिवार का टूटना सब कुछ है, जो आपके दिल को छू जाएगा।

प्यार या साजिश?
पुलिस के अनुसार, राजश्री का अपने प्रेमी चंद्रशेखर के साथ गहरा प्रेम-प्रसंग चल रहा था। जब भरत को इस रिश्ते की भनक लगी और उन्होंने अपनी पत्नी से सवाल किया, तो राजश्री ने उल्टा उन पर उत्पीड़न का आरोप लगा दिया। यह बात पिछले महीने की है, जब यह सारी साजिश शुरू हुई।

भरत ने चंद्रशेखर से बात करने का फैसला किया। चंद्रशेखर ने उन्हें गोरेगांव पूर्व के आरे कॉलोनी, एकतानगर, यूनिट नंबर 31 के पास एक सार्वजनिक शौचालय के पास मिलने बुलाया। हैरानी की बात यह है कि राजश्री भी अपने पति के साथ वहां पहुंची। यह मुलाकात प्यार का हिसाब-किताब नहीं, बल्कि एक खौफनाक साजिश का हिस्सा थी।

क्रूर हमला और एक पत्नी की बेरहमी
15 जुलाई की रात को चंद्रशेखर और रंगा ने भरत पर हमला कर दिया। चंद्रशेखर ने भरत की छाती, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों पर बेरहमी से मुक्के बरसाए, जबकि रंगा ने उन्हें पीछे से पकड़ रखा था। इस दौरान राजश्री चुपचाप खड़ी सब देखती रही। उसने न तो अपने पति को बचाने की कोशिश की और न ही मदद मांगी। जैसे ही स्थानीय लोग इकट्ठा होने लगे, दोनों हमलावर वहां से भाग निकले।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। भरत की हालत बिगड़ रही थी, लेकिन राजश्री उन्हें अस्पताल ले जाने के बजाय घर ले गई। तीन दिन तक उन्होंने अपने पति को बिना इलाज के घर में रखा, जैसे कुछ हुआ ही न हो। इस दौरान उनके तीन मासूम बच्चे—13 साल की बेटी, 5 साल की बेटी और 3 साल का बेटा—अपने पिता की तड़प को देखते रहे।

बच्चों का दर्द और सच्चाई का खुलासा
जब भरत को खून की उल्टियां होने लगीं, तो उनकी सबसे बड़ी बेटी ने हिम्मत दिखाई और रिश्तेदारों को इसकी सूचना दी। भरत की भाभी जब घर पहुंचीं, तो राजश्री ने झूठ बोला कि भरत एक बाइक दुर्घटना में घायल हुए हैं। आखिरकार भरत को मलाड पूर्व के पठानवाड़ी स्थित एक सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

यहां भी राजश्री ने अपनी झूठी कहानी दोहराई, और डर के मारे भरत ने भी वही बात कही। यह बयान पुलिस और मेडिको-लीगल केस (एमएलसी) रिपोर्ट में दर्ज हुआ। लेकिन सच्चाई ज्यादा देर तक छिप नहीं सकी। पुलिस को बयान में गड़बड़ी दिखी, और जब उन्होंने भरत की बेटी से बात की, तो पूरा सच सामने आ गया।

बेटी ने बताया कि उसने कुछ दूरी से अपने पिता पर हुए हमले को देखा था। उसने यह भी बताया कि उसकी मां चुपचाप खड़ी देख रही थी, बिना कोई मदद किए। यह बयान इस दुखद कहानी को उजागर करने में सबसे अहम साबित हुआ।

अंतिम सांस और न्याय की राह
5 अगस्त को इलाज के दौरान भरत ने दम तोड़ दिया। उनकी मृत्यु ने उनके तीन मासूम बच्चों को अनाथ छोड़ दिया। पुलिस ने बेटी के बयान के आधार पर राजश्री को गिरफ्तार कर लिया। चंद्रशेखर और रंगा अभी भी फरार हैं, और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।

एक परिवार का टूटना
यह कहानी सिर्फ एक हत्या की नहीं, बल्कि एक परिवार के टूटने की है। तीन मासूम बच्चे, जो अपने पिता की बिगड़ती हालत को देखते रहे, अब अनाथ हो गए। एक पत्नी, जिसे अपने पति की जान से ज्यादा अपने प्रेमी की परवाह थी, ने न सिर्फ अपने पति को खोया, बल्कि अपने बच्चों का भविष्य भी अंधेरे में डाल दिया।

इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि प्यार और विश्वास के नाम पर कितना बड़ा धोखा हो सकता है। क्या राजश्री का प्यार इतना अंधा था कि उसने अपने बच्चों का भविष्य तक दांव पर लगा दिया?

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