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सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस: सोरेन की जमानत पर सिब्बल और एएसजी आमने-सामने!

सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस: सोरेन की जमानत पर सिब्बल और एएसजी आमने-सामने!

सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान, जस्टिस दीपांकर दत्ता और सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन बेंच ने सुनवाई जारी रखने का फैसला किया।

कपिल सिब्बल ने हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि जिस जमीन पर कब्जे के आरोप में ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की है, वह जमीन छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट के तहत “भुईंहरी” नेचर की है और इसे किसी भी स्थिति में किसी व्यक्ति को बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता। सिब्बल ने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन पर वर्ष 2009-10 में इस जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया है, लेकिन इसे लेकर कहीं कंप्लेन दर्ज नहीं है।

एएसजी एसवी राजू ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का अवैध कब्जा है। ईडी के पास इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि हेमंत सोरेन ने इसपर कब, कहां और किस तरह कब्जा किया। ईडी ने यह भी कहा कि अगर सोरेन को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है, तो जेल में बंद सभी राजनेता इसी आधार पर “छूट” की मांग करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम जमानत पर अब 22 को होगी सुनवाई का निर्णय लिया है। इस बहस के दौरान, जस्टिस दत्ता ने एएसजी राजू को बीच में बोलने से रोकते हुए कहा, “बीच में मत बोलिए…”। इस घटनाक्रम ने न्यायिक प्रक्रिया में वकीलों के बीच होने वाली बहसों की तीव्रता और उनके महत्व को उजागर किया है। आगे की सुनवाई में इस मामले का निर्णय क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

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