मुंबई के मलाड इलाके में बिना अनुमति के मोर्चा निकालने के आरोप में हिंदू सकल समाज के कार्यकर्ता भगवान ठाकुर पर केस दर्ज किया गया है। इस मोर्चे में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया था।
सार्वजनिक स्थानों पर बिना अनुमति के रैलियां या मोर्चे निकालना कानूनन जुर्म है। इससे यातायात बाधित होता है और कई बार कानून व्यवस्था बिगड़ने का भी खतरा होता है। किसी भी तरह के आयोजन से पहले पुलिस से इजाज़त लेना ज़रूरी होता है।
मुंबई के उत्तरी उपनगर मलाड में हिंदू सकल समाज के एक कार्यकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। भगवान ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने रविवार को बिना पुलिस की अनुमति के एक मोर्चा निकाला। इस मोर्चे में सैकड़ों लोग शामिल हुए और इसे बीजेपी विधायक नितेश राणे ने भी संबोधित किया। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आयोजकों के पास ‘सभा’ आयोजित करने की अनुमति थी, लेकिन मोर्चा निकालने की नहीं। मालवणी पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने बताया कि इस मामले में IPC की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो किसी अधिकृत सरकारी कर्मचारी के आदेश की अवहेलना करने से संबंधित है।
फिलहाल, इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है।
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भगवान ठाकुर के खिलाफ दर्ज मामले से साफ है कि किसी भी तरह के आयोजन के लिए सरकारी अनुमति लेना बेहद ज़रूरी है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के नियमों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है।