गुरुवार को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने NEET पेपर लीक मामले में राकेश रंजन उर्फ रॉकी को झारखंड से गिरफ्तार किया। ये गिरफ्तारी सीबीआई के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि रॉकी इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
कौन है रॉकी?
राकेश रंजन, जिसे रॉकी के नाम से भी जाना जाता है, रांची में होटल चलाता है। वो संजीव मुखिया का भांजा है। पेपर लीक होने के बाद उसे हल करने के लिए ‘मुन्नाभाई’ यानी सॉल्वर का इंतजाम रॉकी ने ही किया था। उसने रांची और पटना के MBBS छात्रों का सॉल्वर के रूप में उपयोग किया था। रॉकी संजीव मुखिया का बड़ा राजदार भी है।
रॉकी पर आरोप
रॉकी पर आरोप है कि उसने प्रश्न पत्र को हज़ारीबाग़ में एसबीआई से ओएसिस स्कूल में खोलकर उसकी फोटो खींची, पीडीएफ में कन्वर्ट किया और ब्लूटूथ की मदद से प्रिंटआउट निकाले। उसने बलदेव उर्फ चिंटू का उपयोग प्रिंटआउट के लिए किया जो लर्न एंड प्ले स्कूल में मौजूद था।
पूछताछ में खुल सकते हैं कई राज
रॉकी से पूछताछ में सीबीआई को ये पता चल सकता है कि उसने देश भर में कितने लोगों के साथ प्रश्न और उत्तर पुस्तिका पीडीएफ साझा की। अगर रॉकी सही जानकारी देता है तो इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान हो सकती है और मामला सुलझने के करीब आ सकता है।
कैसे पकड़ा गया रॉकी?
सीबीआई ने रॉकी को पकड़ने के लिए एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया। उन्होंने रॉकी की मेल आईडी को ट्रेस किया और उसके IP एड्रेस की मदद से उसका पता लगाया। कन्फर्म होने के बाद सीबीआई ने रॉकी को गिरफ्तार किया।
छापेमारी जारी है
सीबीआई इस मामले की तह तक जाने के लिए पटना, पटना के पास 2 लोकेशन और कोलकाता में छापेमारी कर रही है। रॉकी को 10 दिनों के रिमांड पर लिया गया है और उससे गहनता से पूछताछ की जा रही है। सीबीआई इस पेपर लीक मामले को पूरी तरह से सुलझाने की कोशिश में जुटी हुई है।
रॉकी की गिरफ्तारी नीट पेपर लीक मामले में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल इस मामले की जड़ तक पहुंचने में मदद मिलेगी, बल्कि अन्य दोषियों की भी पहचान हो सकेगी। सीबीआई की ये सफलता भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में भी सहायक सिद्ध हो सकती है।
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