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जगन्नाथ मंदिर के रहस्य: 4 दरवाजे और 22 सीढ़ियां

जगन्नाथ मंदिर के रहस्य

जगन्नाथ मंदिर के रहस्य: ओडिशा में स्थित जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Mandir) भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। ये मंदिर अपनी खूबसूरत बनावट और गहरे अर्थ वाली परंपराओं के लिए जाना जाता है. इस मंदिर की खास बात इसके चारों अलग-अलग दरवाजे हैं, जिनमें से हर दरवाजे का अपना ही मतलब है और वो आध्यात्मिक ज्ञान देते हैं.

चारों दरवाजों की कहानी (Chaaron Darwaazon ki Kahani):

  1. सिंह द्वार (Singha Dwaar) – शेरों का दरवाजा: पूर्व दिशा में बना ये मुख्य दरवाजा है, जिस पर शेरों की मूर्तियां हैं. ये दरवाजा धर्म (Dharma) यानी सही रास्ते पर चलने की शक्ति और सतर्कता को दर्शाता है.

  2. व्याघ्र द्वार (Vyaghra Dwaar) – बाघ का दरवाजा: पश्चिम दिशा में स्थित ये दरवाजा सांसारिक इच्छाओं और मोह-माया के जाल से मुक्ति पाने के लिए आवश्यक साहस और शक्ति का प्रतीक हैं. ये हमें अहंकार को कम करने और आध्यात्मिक ज्ञान पाने की सीख देता है.

  3. हस्ति द्वार (Hasti Dwaar) – हाथी का दरवाजा: उत्तर दिशा में स्थित ये दरवाजा ज्ञान, सीख, और मजबूती को दर्शाता है. ये हमारे दिमाग की वो ताकत को दर्शाता है, जो बहुत ज्ञान और आध्यात्मिक समझ रख सकता है.

  4. अश्व द्वार (Ashwa Dwaar) – घोड़े का दरवाजा: दक्षिण दिशा में स्थित ये दरवाजा जीत, जोश, और अच्छे लक्ष्यों को पाने की कोशिश को दर्शाता है. ये हमारे अंदर के गुस्से पर जीत और आध्यात्मिक मुक्ति पाने का प्रतीक है.

मोक्ष की सीढ़ियां (Moksh ki Seedhiyaan):

जगन्नाथ मंदिर के अंदर जाने के लिए 22 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, जिनका आध्यात्मिक महत्व बहुत ज्यादा है. हर सीढ़ी हमारे किसी ऐसे कमजोरी या बुराई को दर्शाती है, जिसे मोक्ष पाने के लिए जीतना जरूरी होता है. मोक्ष का मतलब है बार-बार जन्म लेने के चक्र से मुक्ति.

22 सीढ़ियों का महत्व (22 Seedhiyon ka Mahatv):

  1. बुराईयों पर जीत (Buraaiyon par Jeet): ये सीढ़ियां धीरे-धीरे उन बुराईयों और कमजोरियों को कम करने का रास्ता दर्शाती हैं जो हमें आध्यात्मिक तरक्की करने से रोकती हैं.

  2. पवित्रता पाना (Pawitrata Pana): माना जाता है कि सीढ़ियां चढ़ते समय श्रद्धालु अपने सांसारिक लगाव को कम करते हैं और अपने अंदर पवित्रता लाते हैं, ताकि मंदिर के अंदर भगवान के दर्शन के लिए तैयार हो सकें.

  3. आध्यात्मिक उन्नति (Adhyatmik Unnati): हर सीढ़ी हमें आध्यात्मिक ज्ञान के करीब ले जाती है और कर्मों के बंधन से मुक्ति दिलाती है.

तीसरी सीढ़ी पर ध्यान दें (Teesri Seedhi par Dhyan दें):

तीसरी सीढ़ी, जिसे ‘यमलोक पाताल’ के नाम से जाना जाता है, का विशेष महत्व है. ये यमराज, मृत्यु के देवता के लोक को दर्शाती है. मान्यता है कि भक्तों को इस सीढ़ी पर पैर नहीं रखना चाहिए, क्योंकि ये आध्यात्मिक तरक्की रुकने का प्रतीक है.

अंत में (Ant mein):

जगन्नाथ मंदिर के 4 दरवाजे और 22 सीढ़ियां मोक्ष की राह पर चलने की याद दिलाते हैं. हर एक हिस्सा गहराई से सोचने पर हमें आत्म-ज्ञान और आध्यात्मिक तरक्की पाने का रास्ता दिखाता है. तो अगली बार जब आप जगन्नाथ मंदिर जाएं, तो इन दरवाजों और सीढ़ियों के पीछे छिपे हुए अर्थों पर जरूर गौर करें.

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