महाराष्ट्र की महिलाओं के लिए एक ऐसी योजना, जिसने न केवल उनके जीवन में आर्थिक सहारा दिया, बल्कि सामाजिक बदलाव की एक नई लहर भी शुरू की। मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना (Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana) ने पिछले साल विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन की जीत में अहम भूमिका निभाई और आज भी यह लाखों महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण बनी हुई है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो उनके बैंक खातों में सीधे जमा होती है। हाल ही में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और महिला व बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने इस योजना को लेकर कुछ महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण दिए, जिसने इसे और मज़बूत बनाया। आइए, इस योजना की कहानी को और करीब से जानें और समझें कि यह कैसे महाराष्ट्र की महिलाओं के लिए एक नया रास्ता खोल रही है।
मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना की शुरुआत 2024 में महाराष्ट्र सरकार ने की थी। इसका उद्देश्य था आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना। यह योजना उन महिलाओं के लिए बनाई गई है जो 21 से 65 साल की उम्र के बीच हैं और जिनके परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है। चाहे वह विवाहित हों, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्ता, या परिवार में एक अविवाहित महिला, यह योजना हर पात्र महिला को समान रूप से लाभ देती है। योजना की खास बात यह है कि यह महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि उनके स्वास्थ्य, पोषण, और परिवार में उनकी भूमिका को भी मज़बूत करती है। हर महीने 1,500 रुपये की राशि सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
हाल ही में कुछ अफवाहें फैलीं कि इस योजना को बंद किया जा रहा है या इसमें दी जाने वाली राशि को कम किया जा रहा है। इन अफवाहों को खारिज करते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने स्पष्ट किया कि लाडकी बहीण योजना (Ladki Bahin Yojana) को बंद करने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए बजट में पर्याप्त राशि आवंटित की गई है, और यह आगे भी उसी तरह चलती रहेगी। अजित पवार, जो राज्य के वित्त मंत्री भी हैं, ने यह भी कहा कि यह योजना महायुति सरकार की प्राथमिकता है और इसे और मज़बूत करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उनकी इस बात ने उन लाखों महिलाओं को राहत दी, जो इस योजना पर निर्भर हैं।
महिला व बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने भी इस योजना को लेकर उठे सवालों का जवाब दिया। कुछ खबरों में दावा किया गया था कि 7.74 लाख महिलाओं की सहायता राशि को कम कर दिया गया है। अदिति तटकरे ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई बदलाव नहीं किया गया है। जिन महिलाओं को अन्य सरकारी योजनाओं, जैसे नमो शेतकरी सम्मान योजना, के तहत 1,000 रुपये मिल रहे हैं, उन्हें लाडकी बहीण योजना के तहत बाकी की 500 रुपये की राशि दी जा रही है। इस तरह, हर पात्र महिला को पूरे 1,500 रुपये मिल रहे हैं, चाहे वह किसी अन्य योजना का लाभ ले रही हो या नहीं। यह नीति जुलाई 2023 से लागू है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। अदिति तटकरे ने यह भी कहा कि विपक्ष इस योजना की सफलता से परेशान है और गलत जानकारी फैलाकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है।
इस योजना की सफलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 2.34 करोड़ से ज़्यादा महिलाओं को इसका लाभ मिल चुका है। जुलाई 2024 से शुरू हुई इस योजना के तहत जुलाई से नवंबर तक की किस्तें पहले ही महिलाओं के खातों में जमा की जा चुकी हैं। दिसंबर 2024 की किस्त भी जल्द ही जमा होने वाली है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है। उदाहरण के लिए, कोल्हापुर की एक गृहिणी, सुनीता पाटिल, ने बताया कि इस योजना से मिलने वाली राशि से वह अपने बच्चों की स्कूल फीस और घर के छोटे-मोटे खर्चे आसानी से उठा पा रही हैं। इससे पहले उन्हें हर छोटी ज़रूरत के लिए अपने पति पर निर्भर रहना पड़ता था। ऐसी ही कहानियां पूरे महाराष्ट्र में देखने को मिल रही हैं।
लाडकी बहीण योजना की एक और खासियत है इसकी आसान आवेदन प्रक्रिया। महिलाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से इसके लिए आवेदन कर सकती हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट ladakibahin.maharashtra.gov.in पर जाकर या नारी शक्ति दूत ऐप का इस्तेमाल करके फॉर्म भरा जा सकता है। ऑफलाइन आवेदन के लिए अंगणवाडी केंद्र, ग्राम पंचायत, या नगरपालिका कार्यालयों में जाकर फॉर्म जमा किया जा सकता है। आवेदन के लिए आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, और बैंक खाता विवरण जैसे दस्तावेज़ चाहिए। सबसे खास बात यह है कि आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह मुफ्त है, और किसी को भी इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। अगर कोई समस्या आती है, तो महिलाएं टोल-फ्री नंबर 181 पर संपर्क कर सकती हैं।
यह योजना सिर्फ़ आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है। इसके तहत सरकार ने तीन मुफ्त एलपीजी सिलेंडर सालाना देने और ओबीसी व आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग की लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा में फीस माफी जैसे लाभ भी शामिल किए हैं। ये कदम दिखाते हैं कि सरकार न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर करना चाहती है, बल्कि उनकी शिक्षा और जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाना चाहती है। ग्रामीण इलाकों में, जहां महिलाओं को अक्सर आर्थिक संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ता है, यह योजना एक वरदान साबित हो रही है।
महाराष्ट्र की सड़कों पर, गांवों में, और शहरों में, लाडकी बहीण योजना की चर्चा हर जगह है। यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से मज़बूत कर रही है, बल्कि उन्हें अपने परिवार और समाज में एक नई पहचान भी दे रही है। सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से एक ऐसी दिशा में है, जहां हर महिला आत्मनिर्भर और सशक्त होकर अपने सपनों को पूरा कर सके।
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