मुंबई में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के लिए जल्द ही दादर के भोईवाड़ा इलाके में एक डिटेंशन सेंटर खोला जाएगा। इस सेंटर में ऐसे लोगों को रखा जाएगा जब तक कि उन्हें वापस उनके देश नहीं भेज दिया जाता। मुंबई पुलिस के आला अधिकारियों के अनुसार, डिटेंशन सेंटर का प्रस्ताव महाराष्ट्र सरकार को भेजा गया था, जिसे जल्द ही मंजूरी मिल गई। इसके निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (PWD) को दी गई है। दादर पूर्व में भोईवाड़ा कोर्ट के पास की जमीन को फाइनल किया गया है और अनुमानित लागत 5 करोड़ रुपये है।
एक अधिकारी ने बताया कि डिटेंशन सेंटर का बनना एक अहम कदम है। अभी के लिए, अवैध प्रवासियों को पुलिस थानों में आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATC) की निगरानी में रखा जाता है, लेकिन उनके भागने का डर बना रहता है, जोकि एक चुनौती है। पिछले साल नवंबर में, कलाचौकी पुलिस स्टेशन की हिरासत में रखे गए एक बांग्लादेशी नागरिक के भाग जाने की घटना हुई थी, जो एक हफ्ते से अधिक समय तक लापता रहा था। बाद में पुलिस द्वारा उसे पकड़ लिया गया।
अवैध प्रवासियों पर विदेशी अधिनियम, 1946 के तहत कार्रवाई की जाती है। बांग्लादेशी नागरिकों के मामले में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) तथा इमिग्रेशन अधिकारियों के साथ मिलकर देश से बाहर किया जाता है। वहीं, पाकिस्तानी नागरिकों को अमृतसर के रास्ते वापस भेजा जाता है। मुंबई पुलिस ने पिछले कुछ वर्षों में कई अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से कईयों को उनके देश वापस भेज दिया गया है। इन प्रवासियों की पहचान करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि समय के साथ ये भारतीय लोगों की तरह ही दिखने और बोलने लगते हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, डिटेंशन सेंटर जेलों से अलग होते हैं। यहां सिर्फ अवैध प्रवासी या ज़रूरत से ज़्यादा समय तक वीज़ा पर रहने वाले विदेशी नागरिकों को रखा जाएगा, वो भी सिर्फ तब तक जब तक उन्हें देश से बाहर भेजने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। इस डिटेंशन सेंटर में मनोरंजन के लिए बोर्ड गेम्स, टीवी और एक लाइब्रेरी भी होगी। इसमें एक बार में लगभग 100 से 150 लोगों को रखा जा सकेगा।