महाराष्ट्र

‘बाप’ वाले बयान पर नारायण राणे ने लगाई बेटे को फटकार, महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल!

नारायण राणे
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महाराष्ट्र की राजनीति में ‘बाप’ टिप्पणी को लेकर मचे बवाल के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद नारायण राणे खुद मैदान में आ गए हैं। उन्होंने अपने बेटे नितेश राणे के विवादास्पद बयान को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें नितेश ने बीजेपी को सभी पार्टियों का ‘बाप’ बताया था। इस बयान से सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के भीतर ही तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी।

नितेश राणे का बयान और बढ़ता विवाद
दरअसल, 7 जून को मध्य महाराष्ट्र के धाराशिव में बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में नितेश राणे ने दावा किया था कि बीजेपी सभी दलों की ‘बाप’ है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर प्रमुख नेतृत्व का जिक्र करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में बीजेपी का प्रभुत्व मुख्यमंत्री पद पर होने से झलकता है। इस टिप्पणी ने बीजेपी, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को मिलाकर बने महायुति गठबंधन में खलबली मचा दी।

पिता नारायण राणे ने संभाला मोर्चा
विवाद को शांत करने के लिए अब तक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब नारायण राणे ने खुद कमान संभाल ली है। रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग से लोकसभा सदस्य नारायण राणे ने पत्रकारों से साफ कहा, “‘बाप’ शब्द का इस्तेमाल करना गलत था। मैंने उन्हें ऐसा बता दिया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री किसी के पिता नहीं, बल्कि जनता के सेवक हैं। अब कोई विवाद नहीं है। ये खत्म हो गया।”

नारायण राणे ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल (1990 के दशक के अंत में) को याद करते हुए कहा, “मैं लोगों से कहता था कि मुझे ‘साहब’ न कहें। मैं यहां लोगों की सेवा करने के लिए हूं।”

गठबंधन में खटास और फडणवीस की प्रतिक्रिया
नितेश राणे की टिप्पणी पर शिवसेना विधायक और उनके बड़े भाई नीलेश राणे ने भी 8 जून को ‘एक्स’ पर एक सार्वजनिक चेतावनी जारी की थी, जिसमें नितेश से अधिक जिम्मेदारी से बोलने का आग्रह किया गया था। हालांकि, बाद में उन्होंने अपना ट्वीट हटा लिया था।

उसी दिन छत्रपति संभाजीनगर में इस बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने ये टिप्पणी नहीं सुनी है। उन्होंने जनसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए जोर देकर कहा, “मैं खुद को महाराष्ट्र का सेवक मानता हूं।” फडणवीस ने नितेश राणे की टिप्पणियों पर कोई सीधी प्रतिक्रिया देने से परहेज किया था।

अब देखना ये होगा कि नारायण राणे की इस हस्तक्षेप के बाद ये विवाद पूरी तरह शांत होता है या नहीं। महाराष्ट्र की राजनीति में इस तरह के बयानबाजी से गठबंधन की एकजुटता पर क्या असर पड़ता है, ये समय ही बताएगा।

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