हैदराबाद में राम नवमी के मौके पर बीजेपी की उम्मीदवार माधवी लता का एक विवादित वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वो एक आयोजन के दौरान मंच पर खड़ी नजर आईं। उनके हाथों में धनुष और तीर नहीं था। वीडियो में दिखाया गया कि वो काल्पनिक रूप से एक मस्जिद की ओर तीर चला रही हैं।
ये वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा, हैदराबाद से बड़ी राजनीतिक पार्टी AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसकी कड़ी आलोचना की। ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी जानबूझकर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रही है, ताकि शहर की शांति भंग हो और धर्म के आधार पर लोगों को बांटा जा सके। उन्होंने पुलिस से माधवी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
दूसरी तरफ माधवी लता ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि वीडियो को पूरा नहीं दिखाया गया है। उनका इरादा मस्जिद की तरफ तीर चलाने का बिल्कुल नहीं था बल्कि वो बस आकाश की ओर तीर दाग रही थीं। उन्होंने ये भी कहा कि अगर इस वीडियो से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वो खेद व्यक्त करती हैं और माफी मांगती हैं।
इस पूरे विवाद के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने माधवी के इस कृत्य की कड़ी आलोचना की और इसे धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि चुनावी दौर में राजनीतिक दल जानबूझकर ऐसी घटनाओं को हवा देते हैं ताकि वोट बैंक को प्रभावित किया जा सके।
वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों ने माधवी लता का बचाव किया और कहा कि मीडिया ने इस घटना को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ ऐसी घटनाओं का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं।
देखें माधवी लता का वायरल वीडियो –
A video of #Hyderabad's #BJP candidate #MadhaviLatha participating in the #RamNavami procession on Wednesday went viral on social media.
Following it, netizens started claiming that she was pretending to shoot an arrow at the #SiddiamberBazaar mosque during a Ram Navami… pic.twitter.com/jgpDOuv3cH
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) April 18, 2024
हालांकि ऐसी विवादित घटनाएं चुनावी सरगर्मियों के दौरान कई बार देखने को मिलती हैं, लेकिन आम जनता से उम्मीद की जाती है कि वो शांति और सौहार्द बनाए रखते हुए अपने वोट का सही इस्तेमाल करे। राजनीतिक दलों को भी धर्म और जाति के आधार पर वोटों को बांटने की बजाय जनहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
क्योंकि अगर ऐसी घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा तो ये सांप्रदायिक तनाव बढ़ने और शहर में अशांति फैलने का कारण बन सकता है। इसलिए सभी दलों और जनता को संयम बरतना होगा और शांतिपूर्ण ढंग से चुनावी प्रक्रिया को पूरा करना होगा।