लगता है उत्तराखंड सरकार को अपनी ही बात पर पछतावा हो रहा है! बाबा रामदेव की पतंजलि की दवाओं पर लगा बैन हट गया है।
अप्रैल में उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं पर बैन लगा दिया था। कारण था – भ्रामक विज्ञापन। लेकिन अब एक जाँच कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने अपना फैसला बदल दिया है।
सरकार ने क्यों बदला फैसला?
एक हाई लेवल कमेटी ने पाया कि पतंजलि पर लगा बैन गलत तरीके से लगाया गया था। कानूनी प्रक्रिया का सही से पालन नहीं हुआ था। इसीलिए सरकार ने बैन हटाने का फैसला किया है।
पहले क्या हुआ था?
उत्तराखंड सरकार ने 30 अप्रैल को पतंजलि की 14 दवाओं के लाइसेंस रद्द कर दिए थे। सरकार का कहना था कि पतंजलि बार-बार गलत जानकारी वाले विज्ञापन दिखा रही थी।
अब आगे क्या?
अब पतंजलि अपनी दवाएं फिर से बना और बेच सकती है। लेकिन इस पूरे मामले से पतंजलि की छवि पर जरूर असर पड़ा है।
यह फैसला पतंजलि के लिए एक राहत की खबर है। लेकिन सरकार की इस पलटी से सवाल भी उठ रहे हैं। क्या सरकार ने जल्दबाजी में फैसला लिया था? क्या पतंजलि पर कोई राजनीतिक दबाव था?
यह मामला अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। आगे इस पर और सुनवाई हो सकती है।