महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में एक हाई-टेक चीटिंग रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस गिरोह के 10 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जो अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके परीक्षाओं में नकल करवाते थे। Bluetooth और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करके ये लोग उम्मीदवारों को परीक्षा हॉल के बाहर बैठे साथियों से उत्तर बताते थे।
हाई-टेक धोखाधड़ी: कैसे पकड़ा गया रैकेट?
रायगढ़ में 10 अगस्त को आयोजित पुलिस भर्ती परीक्षा में कई केंद्रों पर संदिग्ध गतिविधियाँ पाई गईं। पुलिस को इस बारे में जानकारी मिली कि कुछ उम्मीदवार इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस छुपाकर उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। विशेष टीमों ने इन केंद्रों पर निगरानी की और कुछ उम्मीदवारों को Bluetooth और अन्य उपकरणों के जरिए धोखाधड़ी करते हुए पकड़ा।
Raigad पुलिस के Superintendent of Police, Somnath Gharge ने बताया, “हमें इस चीटिंग की जानकारी मिली और तुरंत एक्शन लेते हुए हमारी टीमों ने इन रैकेट का पर्दाफाश किया।”
धोखाधड़ी की प्रक्रिया
पकड़े गए आरोपियों ने अपने कानों में छिपे हुए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाए थे, जिनसे वे परीक्षा हॉल के बाहर मौजूद अपने साथियों से संपर्क कर रहे थे। उनके साथी उत्तरों को रिमोटली बता रहे थे। रायगढ़ पुलिस ने इस मामले की गहराई से जांच की और Cyber Police की मदद से उनके धोखाधड़ी के तरीकों का पता लगाया।
स्थानीय अपराध जांच शाखा के प्रमुख, Inspector Balasaheb Khade ने कहा, “आरोपी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर रहे थे और इस पूरे गिरोह को पकड़ने में साइबर पुलिस की मदद लेना पड़ा।”
गिरोह की गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
परीक्षा के दौरान जब पुलिस को यह धोखाधड़ी की जानकारी मिली, तो तुरंत FIR दर्ज की गई और शुरुआती जांच में 6 छात्रों को गिरफ्तार किया गया। आगे की जांच में पुलिस को पता चला कि यह एक संगठित रैकेट है, जो उम्मीदवारों से पैसे लेकर उन्हें नकल करवाने में मदद करता है। इसके बाद पुलिस ने विभिन्न जिलों से इस गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ IPC और Maharashtra University, Board, and Other Examinations (Prevention of Malpractices) Act, 1982 के तहत केस दर्ज किया है।
इस चीटिंग रैकेट का प्रभाव
यह रैकेट न केवल परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि उन लाखों ईमानदार उम्मीदवारों के लिए भी चिंता का विषय है जो मेहनत से परीक्षा की तैयारी करते हैं। इस तरह की धोखाधड़ी परीक्षाओं की निष्पक्षता को नुकसान पहुँचाती है और इस तरह के मामलों से निपटने के लिए पुलिस और परीक्षा बोर्डों को तकनीकी सतर्कता को और मजबूत करना होगा।
रायगढ़ पुलिस द्वारा किए गए इस ऑपरेशन से यह साफ होता है कि तकनीकी युग में न केवल धोखाधड़ी के नए तरीके सामने आ रहे हैं, बल्कि उन्हें रोकने के लिए भी उच्च तकनीक और सख्त नियमों की आवश्यकता है।
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