पुणे हिट एंड रन मामला: पुणे में हुए दुखद पोर्श एक्सीडेंट केस में नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द कर दी गई है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने इस नाबालिग को 5 जून तक बाल सुधार गृह में भेजने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि इस घटना में दो IT प्रोफेशनल्स की मौत हो गई थी, जिसे नाबालिग ने अपनी तेज रफ्तार पोर्श कार से टक्कर मारी थी।
इस मामले में नाबालिग के पिता को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है और उन्हें 24 मई तक पुलिस कस्टडी में रखा गया है। नाबालिग के पिता पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके अपने बेटे को जल्दी जमानत दिलवाई थी। हालांकि, जब इस मामले ने सार्वजनिक रूप से ध्यान खींचा, तो पुलिस ने भी सख्त कदम उठाए और आरोपी के पिता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
इस घटना से जुड़ी एक और जानकारी ये है कि नाबालिग आरोपी ने एक्सीडेंट से पहले एक पब में 90 मिनट में 48 हजार रुपये खर्च किए थे। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने ये जानकारी दी है। इस खर्च के बाद नाबालिग ने दूसरे पब में जाकर और शराब पी थी, जिसके बाद उसने ये दुर्घटना की।
इस मामले में नाबालिग के खिलाफ बालिग मानकर केस चलाने की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक कोर्ट की तरफ से इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। ये मामला अब भी जांच के अधीन है और 5 जून तक इस पर फैसला हो सकता है।
ये घटना समाज में नाबालिगों के द्वारा वाहन चलाने और उनके द्वारा किए गए अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ कानूनी प्रणाली में सुधार की मांग को भी उजागर करती है। इस तरह के मामलों में सख्ती से निपटने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
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