Ramadan: सोमवार से मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान के महीने की शुरुआत हो रही है। रमज़ान मुसलमानों के लिए उपवास, प्रार्थना और दान का इस्लामी महीना है। ये महीना ईद-उल-फितर के साथ समाप्त होता है, जिसे रमजान या रमजान ईद भी कहा जाता है।

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रमज़ान महीने की खासियत सूर्योदय से सूर्यास्त तक का उपवास है। दिन के उजाले की अवधि अलग-अलग अक्षांशों में भिन्न होने के कारण उपवास की अवधि अलग-अलग स्थानों में भिन्न होती है। धार्मिक विद्वानों के अनुसार, उपवास की परंपरा यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम द्वारा पूजनीय अब्राहम के साथ आई थी।
कहते हैं कि, ये वो महीना था जब जीवन संरक्षित था और इस क्षेत्र में कबीलों के बीच शांति थी। ऐसा कहा जाता है कि इसी महीने के दौरान पैगंबर के सामने कुरान का खुलासा किया गया था। ये इस महीने का आध्यात्मिक महत्व है।

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इस्लाम के पांच सिद्धांतों में से एक ‘ज़कात’ देना भी इसी महीने में किया जाता है जिसकी गणना उस धन के 2.5% के रूप में की जाती है जो एक व्यक्ति ने वर्ष के दौरान अर्जित किया है।
मुंबई के खोआजा समुदाय डोंगरी में अपनी मुख्य मस्जिद और कुर्ला, सांताक्रूज, मुंब्रा, वसई और अन्य स्थानों जैसे अन्य केंद्रों में भोजन की टोकरियाँ वितरित करेंगे। इस साल जरूरतमंद लोगों को ₹3,000 और विधवाओं को ₹10,000 दिए जाएंगे।

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माह-ए-रमजान के दौरान ज़रुरतमंद लोगों की मदद के लिए ईदगाहों और मस्जिदों में इंतज़ाम किए जाते हैं। इस महीने में मुसलमान खूब इबादत करते हैं और कुरान-ए-पाक की तिलावत (पाठ) की जाती है।
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