महाराष्ट्र

अमरावती में दिल दहलाने वाली घटना: महिला पुलिसकर्मी की घर में हत्या, पति पर शक!

अमरावती

अमरावती में एक ऐसी घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया, जिसने न सिर्फ पुलिस महकमे बल्कि पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया। 1 अगस्त की शाम, जब सूरज ढल रहा था, वडाली इलाके की गुरुकृपा कॉलोनी में 32 वर्षीय महिला पुलिस कांस्टेबल आशा राहुल घुले (तायडे) की उनके ही घर में गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। ये घटना इतनी भयावह थी कि इसे सुनकर हर किसी का दिल कांप उठा। आशा, जो फ्रेजरपुरा पुलिस स्टेशन में अपनी सेवाएं दे रही थीं, अपने बच्चों और परिवार के लिए एक मजबूत स्तंभ थीं। लेकिन एक पल में सब कुछ खत्म हो गया।

प्यार से शुरू हुआ रिश्ता, खून से खत्म
आशा और उनके पति राहुल तायडे की शादी एक प्रेम कहानी से शुरू हुई थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों से उनके रिश्ते में तनाव की खबरें सामने आ रही थीं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, राहुल, जो स्वयं एसआरपीएफ में कांस्टेबल हैं, का कथित तौर पर किसी दूसरी महिला के साथ प्रेम संबंध था। क्या यही वजह बनी आशा की हत्या की? ये सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है। पुलिस ने राहुल को हिरासत में ले लिया है और उनसे गहन पूछताछ जारी है।

उस दिन की दर्दनाक कहानी
1 अगस्त की शाम 5:45 बजे, आशा बीमारी के कारण घर पर अकेली थीं। राहुल अपनी 8 साल की बेटी को स्कूल छोड़ने गए थे। उसी दौरान, उनके 13 साल के बेटे शौर्य ने घर लौटकर जो देखा, वो किसी बुरे सपने से कम नहीं था। शौर्य ने दो नकाबपोश लोगों को घर से भागते देखा और अंदर जाकर अपनी मां को खून से लथपथ पाया। घबराया हुआ शौर्य तुरंत ऊपर रहने वाले किराएदार के पास गया और अपने पिता को फोन किया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आशा की सांसें थम चुकी थीं।

मासूम बेटे की गवाही और अनसुलझे सवाल
शौर्य ने बताया कि हमलावरों ने अपने चेहरे पर दुपट्टा बांध रखा था। लेकिन हैरानी की बात ये है कि ऊपरी मंजिल पर रहने वाले छह किराएदारों में से किसी ने भी कोई शोर या हलचल नहीं सुनी। क्या ये संभव है कि इतनी बड़ी वारदात इतनी खामोशी से हो गई? पुलिस इस रहस्य को सुलझाने में जुटी है। सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और गवाहों के बयान एकत्र किए जा रहे हैं।

परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
इस घटना ने आशा के परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है। उनके 13 साल के बेटे शौर्य और 8 साल की बेटी अब अपनी मां के बिना इस दुनिया में अकेले हैं। आशा की मां ने फ्रेजरपुरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने राहुल पर गंभीर आरोप लगाए। परिवार के बीच चल रहे झगड़ों और पहले दर्ज गैर-कानूनी शिकायत ने इस मामले को और जटिल बना दिया है।

पुलिस कॉलोनी में हत्या: एक चुनौती
ये हत्या सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पुलिस महकमे के लिए भी एक बड़ा झटका है। जिस कॉलोनी को सबसे सुरक्षित माना जाता था, वहां दिनदहाड़े एक महिला पुलिसकर्मी की हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या ये एक सुनियोजित साजिश थी? या फिर पारिवारिक विवाद का दुखद परिणाम? पुलिस हर कोण से जांच कर रही है, लेकिन सच सामने आने में अभी वक्त लग सकता है।

दिल को छू लेने वाला संदेश
आशा की कहानी हमें याद दिलाती है कि जिंदगी कितनी नाजुक है। एक मां, एक पत्नी, एक जांबाज पुलिसकर्मी की जिंदगी को छीनने वाली इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि रिश्तों में विश्वास और संवाद कितना जरूरी है। आशा के बच्चों का भविष्य अब अनिश्चितता के साये में है। क्या उन्हें इंसाफ मिलेगा? क्या सच सामने आएगा?

आप क्या कर सकते हैं?

  • इस तरह की घटनाओं के प्रति जागरूक रहें।

  • पारिवारिक विवादों को समय रहते सुलझाएं, ताकि वे इस तरह के दुखद अंत तक न पहुंचें।

  • अगर आपको अपने आसपास कुछ संदिग्ध दिखे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

अस्वीकरण: ये लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। मामले की जांच चल रही है, और किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले आधिकारिक बयान का इंतजार करें।

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