महाराष्ट्र

सोलापुर: रिक्शे वाले की ईमानदारी ने जीता दिल: एक लाख रुपये की सोने की अंगूठी पुलिस को सौंपी

सोलापुर

सोलापुर: हम अक्सर अनुशासनहीन रिक्शा चालकों या यात्रियों से अधिक किराया वसूलने वालों की खबरें सुनते हैं, लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसे रिक्शा चालक के बारे में सुना है, जो अपने रिक्शे में मिली खोई हुई वस्तु को पुलिस को लौटाए? ऐसा ही एक प्रेरणादायक मामला सोलापुर शहर से सामने आया है। एक महिला यात्री ने सैफुल चौक से माणिक चौक तक रिक्शे में यात्रा की और इस दौरान अपनी एक लाख रुपये की कीमती सोने की अंगूठी रिक्शे में भूल गई। सोलापुर के ईमानदार रिक्शा चालक नंदू बेंशिंग चव्हाण ने इस अंगूठी को उसके असली मालिक तक पहुंचाने के इरादे से पुलिस को सौंप दिया।

सोलापुर

क्या है पूरा मामला?
नंदू बेंशिंग चव्हाण, जो रोजाना की तरह अपने रिक्शे (पंजीकरण संख्या MH 13 CT 2384) के साथ यात्रियों को लेने निकले थे, ने सैफुल चौक से माणिक चौक तक एक महिला यात्री को छोड़ा। कुछ दूरी तय करने के बाद, जब नंदू ने अपने रिक्शे की सफाई की, तो उन्हें एक बैग मिला। बैग की जांच करने पर कुछ सामान के साथ एक सोने की अंगूठी मिली, जिसकी कीमत उन्होंने लगभग एक लाख रुपये आंकी। अंगूठी मिलने के बाद, नंदू तुरंत उस स्थान पर वापस गए, जहां उन्होंने यात्री को उतारा था, लेकिन महिला नहीं मिली। इसके बाद, उन्होंने रिक्शा मालिक वकील अहमद बागवान को इस घटना की जानकारी दी। दोनों ने मिलकर सोलापुर के दक्षिण यातायात शाखा के पुलिस इंस्पेक्टर रविंद्रनाथ भंडारे से संपर्क किया और पूरी जानकारी साझा की। स्थान पर दोबारा जांच करने के बावजूद महिला का कोई पता नहीं चला। अंततः, नंदू चव्हाण और वकील अहमद बागवान ने सोने की अंगूठी पुलिस को सौंप दी।

सोलापुर

सम्मान और प्रशंसा
नंदू की इस ईमानदारी से प्रभावित होकर, उप पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) हसन गौहर ने उन्हें शॉल और नारियल देकर सम्मानित किया। इसके अलावा, दक्षिण यातायात शाखा के पुलिस निरीक्षक रविंद्रनाथ भंडारे ने उप पुलिस आयुक्त द्वारा एक हजार रुपये का नकद पुरस्कार भी प्रदान किया। उप पुलिस आयुक्त ने उस महिला यात्री से अपील की है, जिसने एक लाख रुपये की कीमती सोने की अंगूठी खोई थी, कि वो खरीद रसीद के साथ अपनी वस्तु लेने के लिए आगे आए। इस बीच, ईमानदार रिक्शा चालक नंदू चव्हाण की हर जगह जमकर तारीफ हो रही है।

ये भी पढ़ें: 1943 Bengal Famine Tragedy: 60 लाख लोग भूख से मरे! बंगाल की वो त्रासदी जिसे इतिहास ने भुला दिया!

You may also like