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क्या है RSS का प्लान 2B? बिहार मॉडल की अंदरखाने हो रही चर्चा

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2025 के चुनावी संग्राम की गूंज पूरे देश में सुनाई देने लगी है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक नई रणनीति तैयार की है, जिसे ‘2B प्लान’ कहा जा रहा है। ये प्लान बिहार और बंगाल को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जहां आरएसएस अपनी पकड़ मजबूत करने के मिशन में जुट चुका है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बिहार चुनाव (Bihar Elections) बीजेपी के लिए बेहद अहम होने वाला है, क्योंकि ये एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी अब तक अपने दम पर सरकार बनाने में सफल नहीं रही है। ऐसे में RSS की ये योजना बीजेपी के लिए संजीवनी साबित हो सकती है।

RSS का ‘2B प्लान’ क्या है?
RSS का ‘2B’ यानी Bihar और Bengal। बंगाल में पिछले एक दशक में बीजेपी ने मजबूत पकड़ बना ली है, 2014 में जहां सिर्फ 3 लोकसभा सीटें थीं, वहीं 2019 में ये संख्या 78 तक पहुंच गई। अब संघ का अगला लक्ष्य बिहार है, जहां के राजनीतिक समीकरण हमेशा जटिल रहे हैं।

बिहार में बीजेपी और जेडीयू गठबंधन की सरकार है, लेकिन अगले चुनाव में स्थिति बदलेगी या नहीं, ये काफी हद तक आरएसएस की रणनीति पर निर्भर करेगा। संघ का मानना है कि अगर बिहार और बंगाल में हिंदुत्व का मुद्दा मजबूती से उभारा गया, तो 2025 का चुनाव बीजेपी के पक्ष में जा सकता है।

बिहार में RSS की चुनौती
बिहार की राजनीति बंगाल से बिल्कुल अलग है। यहां क्षेत्रीय दलों का दबदबा हमेशा से रहा है। नीतीश कुमार की जेडीयू, लालू यादव की आरजेडी और अन्य छोटे दलों के कारण बीजेपी को अब तक अपने दम पर सरकार बनाने का मौका नहीं मिला। इसी कारण RSS का बिहार मॉडल (Bihar Model) एक खास रणनीति पर आधारित है, जिसमें 3 प्रमुख चरण शामिल हैं-

वोटर्स और मुद्दों की पहचान: संघ अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से बिहार में उन मुद्दों का विश्लेषण कर रहा है, जो लोगों के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं।
प्रभावी मुद्दों पर फोकस: RSS देख रहा है कि कौन से मुद्दे बीजेपी को फायदा पहुंचा सकते हैं और किन्हें ज्यादा उभारने की जरूरत है।
बूथ स्तर पर मजबूती: हर विधानसभा क्षेत्र में संघ के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर लोगों से संपर्क कर रहे हैं, जिससे संगठन की पकड़ मजबूत हो सके।

RSS की बिहार चुनाव रणनीति
बिहार चुनाव के लिए RSS ने राज्य को उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार में बांटकर काम करना शुरू कर दिया है। मार्च 2025 में संघ की एक बड़ी बैठक होने जा रही है, जिसमें पूरे राज्य में शाखाओं की संख्या बढ़ाने और चुनावी रणनीति को धार देने की योजना बनाई जाएगी। इसके तहत –
हर बूथ पर संघ कार्यकर्ताओं की तैनाती होगी।
सामाजिक मुद्दों के जरिए हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण किया जाएगा।
जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रचार अभियान चलाया जाएगा।

बंगाल में RSS की नई पारी
बंगाल में बीजेपी का जनाधार बढ़ा है, लेकिन 2021 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली। ऐसे में RSS ने पश्चिम बंगाल में एक नए मोर्चे की शुरुआत की है। संघ प्रमुख मोहन भागवत हाल ही में बंगाल की यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने हिंदुत्व के मुद्दे पर लोगों से संवाद किया और संघ की विचारधारा को मजबूत करने की कोशिश की।

संघ की योजना यहां लंबी अवधि की है –
गांवों और कस्बों में शाखाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी।
बंगाल में बीजेपी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए नए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की योजना बनाई जाएगी।

क्या बिहार में RSS का प्लान 2B सफल होगा?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, बिहार में RSS की रणनीति को सफलता मिलने में कई चुनौतियां हैं। एक तरफ जहां नीतीश कुमार जैसे अनुभवी नेता हैं, वहीं दूसरी तरफ जातीय समीकरण भी बहुत मजबूत हैं। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि RSS का बिहार मॉडल (Bihar Model) किस हद तक कामयाब होता है और बीजेपी को 2025 के चुनाव में इससे कितना फायदा मिलता है।

बंगाल में संघ की पकड़ पहले से ही मजबूत हो रही है, लेकिन बिहार में उसे जमीनी स्तर पर काफी मेहनत करनी होगी। हालांकि, अगर ये रणनीति सफल होती है, तो बिहार और बंगाल मिलकर बीजेपी के लिए 2029 के आम चुनाव की राह भी आसान बना सकते हैं।

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