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राज्यपाल को हटाने का किसके पास है अधिकार, जानिए संविधान में इसके लिए क्या हैं नियम?

राज्यपाल
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भारत के संविधान में राज्यपाल का पद एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद है। देश के प्रत्येक राज्य में एक राज्यपाल नियुक्त किया जाता है, जो वहां के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राज्यपाल को हटाने का अधिकार (Right to Remove the Governor) किसके पास है और इसके लिए संविधान में क्या प्रावधान हैं? आइए जानते हैं इसे विस्तार से।

राज्यपाल का कार्यकाल कितने साल का होता है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 156 के अनुसार, राज्यपाल का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। इसका मतलब ये है कि राज्यपाल अपने पद पर नियुक्ति की तारीख से पांच साल तक बने रह सकते हैं। हालांकि, ये अवधि राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर करती है और इससे पहले भी उनका कार्यकाल समाप्त किया जा सकता है।

राज्यपाल की नियुक्ति के लिए पात्रता
व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए। उनकी उम्र 35 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
उन्हें किसी राज्य का सदस्य नहीं होना चाहिए।

राज्यपाल को कौन हटा सकता है?
अब ये सवाल उठता है कि राज्यपाल को हटाने का अधिकार किसके पास है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 156 के तहत, राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है। हालांकि, राष्ट्रपति ये निर्णय मंत्रिपरिषद की सलाह के आधार पर लेते हैं, जिसकी अगुवाई प्रधानमंत्री करते हैं।

अनुच्छेद 74 का महत्व
संविधान के अनुच्छेद 74 में ये स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि राष्ट्रपति अपने सभी फैसले मंत्रिपरिषद की सलाह से ही लेंगे। इसका मतलब ये है कि राज्यपाल को हटाने का अंतिम निर्णय राष्ट्रपति का होता है, लेकिन ये निर्णय प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद की सलाह के आधार पर लिया जाता है।

क्या राज्यपाल खुद इस्तीफा दे सकते हैं?
राज्यपाल अपनी इच्छा से भी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति को एक लिखित पत्र सौंपना होता है। जब राष्ट्रपति इस इस्तीफे को स्वीकार कर लेते हैं, तो राज्यपाल अपने पद से मुक्त हो जाते हैं।

हाल की घटनाएं: राष्ट्रपति का बड़ा फैसला
हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कई राज्यों में राज्यपालों का फेरबदल किया। ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास ने इस्तीफा दिया, और उनकी जगह हरिबाबू को नियुक्त किया गया।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल बनाया गया। मिजोरम के राज्यपाल हरिबाबू को ओडिशा स्थानांतरित किया गया।

राज्यपाल को हटाने का अधिकार (Right to Remove the Governor) पूरी तरह से राष्ट्रपति के पास है, लेकिन वो ये निर्णय मंत्रिपरिषद की सलाह के आधार पर लेते हैं। ये प्रावधान संविधान में स्पष्ट रूप से दिया गया है ताकि केंद्र और राज्यों के बीच सत्ता का संतुलन बना रहे। राज्यपाल का पद संवैधानिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है, और उनके कार्यकाल या इस्तीफे से जुड़ी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और संविधान के अनुसार होती है।

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