Maharashtra Tourists Return: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। इस दुखद घटना ने न केवल कई परिवारों को शोक में डुबोया, बल्कि वहां मौजूद पर्यटकों के मन में भी डर और अनिश्चितता पैदा कर दी। खासकर महाराष्ट्र से गए पर्यटकों के लिए यह समय बेहद मुश्किल भरा रहा, जो इस हमले के बाद श्रीनगर में फंसे हुए थे। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इस संकट की घड़ी में अपने नागरिकों के साथ मजबूती से खड़े होने का फैसला किया। विशेष विमानों की व्यवस्था से आज, 24 अप्रैल 2025 को, इन पर्यटकों की सुरक्षित घर वापसी शुरू हो रही है। यह कहानी है एक ऐसी सरकार की, जो अपने लोगों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानती है, और एक ऐसे उपमुख्यमंत्री की, जिन्होंने खुद श्रीनगर पहुंचकर पर्यटकों का हौसला बढ़ाया। इस लेख में हम बात करेंगे विशेष उड़ान (Special Flight) और महाराष्ट्र पर्यटकों की वापसी (Maharashtra Tourists Return) की पूरी प्रक्रिया की, जो इस समय देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है।
पहलगाम की खूबसूरत वादियों में घूमने आए पर्यटक उस दिन को शायद कभी नहीं भूल पाएंगे, जब आतंकी हमले ने उनकी यात्रा को एक बुरे सपने में बदल दिया। इस हमले में 28 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जिनमें से 6 महाराष्ट्र के थे। इस घटना के बाद श्रीनगर और आसपास के इलाकों में मौजूद सैकड़ों पर्यटक डर और अनिश्चितता के माहौल में फंस गए। खासकर महाराष्ट्र से आए पर्यटकों की संख्या काफी थी, जिनमें से कई पुणे, मुंबई, और नवी मुंबई जैसे शहरों से थे। इनमें से कुछ परिवार अपने बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने आए थे, तो कुछ बुजुर्ग यात्री कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने। लेकिन इस हमले ने सब कुछ बदल दिया। पर्यटकों के मन में एक ही सवाल था—वे अपने घर कब और कैसे लौट पाएंगे?
I met many of our stranded tourists—tired, anxious, but resilient. It was heartening to see their spirits lift just by knowing that their government is with them, on the ground. I’m here not just as Deputy CM, but as a fellow Maharashtrian—to stand by them, reassure them, and… pic.twitter.com/MV5xT6pkWH
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) April 23, 2025
महाराष्ट्र सरकार ने इस संकट को गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप किया और सभी फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित वापस लाने का वादा किया। उनकी इस प्रतिबद्धता को अमल में लाने के लिए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने खुद कमान संभाली। बुधवार रात को ही शिंदे मुंबई से श्रीनगर के लिए रवाना हो गए। उनका मकसद था पर्यटकों से व्यक्तिगत रूप से मिलना, उनकी चिंताओं को समझना और उनकी सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित करना। श्रीनगर पहुंचते ही शिंदे ने वहां फंसे महाराष्ट्र के पर्यटकों से मुलाकात की। उन्होंने पर्यटकों से बातचीत की, उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार हर कदम पर उनके साथ है।
शिंदे ने इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि उन्होंने थके हुए और चिंतित पर्यटकों से बात की, लेकिन यह देखकर उन्हें सुकून मिला कि सरकार के साथ होने का भरोसा मिलते ही पर्यटकों का मनोबल बढ़ गया। उन्होंने यह भी कहा कि वे सिर्फ एक उपमुख्यमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि एक महाराष्ट्रीयन के रूप में वहां मौजूद थे, ताकि अपने लोगों को भावनात्मक और व्यावहारिक समर्थन दे सकें। यह बात पर्यटकों के लिए बहुत मायने रखती थी, क्योंकि संकट के समय में अपने नेताओं का साथ मिलना एक बड़ा सहारा होता है।
इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने पर्यटकों की वापसी के लिए तेजी से कदम उठाए। विशेष उड़ान (Special Flight) की व्यवस्था की गई, जिसके तहत आज, 24 अप्रैल 2025 को, दो विमान श्रीनगर से मुंबई के लिए उड़ान भरेंगे। पहला विमान, जो इंडिगो द्वारा संचालित है, 83 पर्यटकों को लेकर मुंबई पहुंचेगा। दूसरा विमान, एयर इंडिया का, 100 पर्यटकों को वापस लाएगा। इन विमानों में यात्रियों की सूची पहले ही तैयार कर ली गई है, ताकि प्रक्रिया में कोई देरी न हो। सबसे खास बात यह है कि इन विशेष उड़ानों का पूरा खर्च महाराष्ट्र सरकार वहन कर रही है। यह कदम न केवल पर्यटकों के लिए राहत की बात है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार अपने नागरिकों की कितनी परवाह करती है।
श्रीनगर में पर्यटकों की मदद के लिए कई स्तरों पर काम किया जा रहा है। वहां मौजूद शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे की टीम ने रसद, भावनात्मक समर्थन, और अन्य जरूरी व्यवस्थाओं में अहम भूमिका निभाई है। हर पर्यटक की जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है, चाहे वह भोजन हो, आवास हो, या फिर उनकी चिकित्सीय जरूरतें। इसके अलावा, मुंबई हवाई अड्डे पर भी विशेष व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बीजेपी नेताओं अशीष शेलार और मंगल प्रभात लोढ़ा को हवाई अड्डे पर समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि पर्यटक जैसे ही मुंबई पहुंचें, उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो।
यह पूरी प्रक्रिया इतनी व्यवस्थित और तेजी से की जा रही है कि यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है। पुणे जिला प्रशासन ने बताया कि उनके क्षेत्र से 500 से ज्यादा पर्यटक जम्मू-कश्मीर में फंसे थे, जिनमें से 182 आज विशेष विमानों से वापस लाए जा रहे हैं। बाकी पर्यटकों को भी जल्द से जल्द वापस लाने की योजना बनाई जा रही है। अगर जरूरत पड़ी, तो शुक्रवार को और विशेष उड़ानें संचालित की जाएंगी।
इस पूरी घटना में एक बात साफ है—महाराष्ट्र सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा। चाहे वह उपमुख्यमंत्री का श्रीनगर पहुंचना हो, विशेष विमानों की व्यवस्था हो, या फिर हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखना, हर कदम पर यह दिखा कि सरकार अपने लोगों के लिए कितनी संवेदनशील है। महाराष्ट्र पर्यटकों की वापसी (Maharashtra Tourists Return) की यह कहानी सिर्फ एक राहत अभियान की नहीं, बल्कि एकजुटता और जिम्मेदारी की भी है।
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