मुंबई में चल रही टैंकर हड़ताल ने शहरवासियों के लिए पानी की किल्लत को और गंभीर कर दिया है। इस संकट से निपटने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने एक बड़ा और साहसिक कदम उठाया है। बीएमसी ने आपदा प्रबंधन कानून के तहत शहर के कुओं, बोरवेल्स और निजी पानी के टैंकरों को अपने नियंत्रण में लेने का फैसला किया है। इसका मकसद ये सुनिश्चित करना है कि गर्मी के इस मौसम में मुंबईकरों को पानी की कमी का सामना न करना पड़े।
बीएमसी का एक्शन प्लान: पानी की सप्लाई अब सीधे नियंत्रण में
बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी के नेतृत्व में ये महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। अब बीएमसी खुद शहर में पानी की आपूर्ति का जिम्मा संभालेगी। इसके लिए बीएमसी वार्ड, मुंबई पुलिस और परिवहन कमिश्नरेट के साथ मिलकर एक समन्वित तंत्र तैयार कर रही है। साथ ही, निजी हाउसिंग सोसायटियों और अन्य हितधारकों के लिए पानी की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी बनाई गई है। इस कदम से न केवल पानी की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी, बल्कि ये भी सुनिश्चित होगा कि आपूर्ति व्यवस्था पारदर्शी और व्यवस्थित रहे।
टैंकर हड़ताल की वजह: क्या है विवाद?
मुंबई जल टैंकर संघ (MWTA) ने गुरुवार से अनिश्चितकाल के लिए पानी की आपूर्ति रोक दी। इसका कारण है बीएमसी द्वारा निजी कुओं के मालिकों को नियमों का पालन करने के लिए जारी किया गया नोटिस। MWTA के मुताबिक, प्राधिकरण ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) को अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा, कुओं के पट्टे या स्वामित्व का प्रमाण, डिजिटल जल प्रवाह मीटर की स्थापना और BIS मानकों का पालन जैसे नियम भी लागू किए गए हैं।
इन नियमों को लेकर टैंकर संघ असंतुष्ट है और उसने हड़ताल को खत्म करने से साफ इनकार कर दिया है। इससे मुंबई में आवासीय सोसायटियों, रेलवे और निर्माण परियोजनाओं को पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।
कितना बड़ा है टैंकर नेटवर्क?
MWTA के पास लगभग 1,800 पंजीकृत टैंकर हैं, जिनकी क्षमता 500 से 20,000 लीटर तक है। ये टैंकर रोजाना मुंबई के विभिन्न हिस्सों में करीब 350 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति करते हैं। इस विशाल नेटवर्क के ठप होने से शहर में पानी का संकट गहरा गया है।
सरकार और बीएमसी की कोशिशें
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बीएमसी को टैंकर मालिकों की मांगों और नए नियमों के बीच संतुलन बनाकर तत्काल समाधान निकालने को कहा है। फडणवीस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “मुंबई में कुछ इलाकों में पानी की कमी की शिकायतों को देखते हुए मैंने नगर आयुक्त को तुरंत समाधान खोजने का निर्देश दिया है।”
क्या है आगे की राह?
बीएमसी का ये कदम निश्चित रूप से मुंबईकरों के लिए राहत की उम्मीद लेकर आया है। हालांकि, टैंकर हड़ताल का स्थायी समाधान निकालने के लिए सरकार और टैंकर संघ के बीच बातचीत जरूरी है। गर्मी के इस मौसम में पानी की किल्लत को रोकने के लिए बीएमसी की ये पहल कितनी कारगर होगी, ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।
अगर आप मुंबई में रहते हैं और इस हड़ताल से प्रभावित हैं, तो अपनी राय और अनुभव हमारे साथ साझा करें। साथ ही, पानी की बचत के लिए छोटे-छोटे कदम उठाकर इस संकट में योगदान दें।
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