महाराष्ट्र सरकार ने डिजिटल प्रशासन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने ई-कैबिनेट प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके तहत मंत्रियों और चुनिंदा वरिष्ठ अधिकारियों को Apple iPad उपलब्ध कराए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना और कैबिनेट बैठकों को पेपरलेस बनाना है। आइए इस ब्लॉग में जानते हैं कि यह योजना क्या है और इससे क्या बदलाव आने वाले हैं।
ई-कैबिनेट प्रणाली: 1.16 करोड़ रुपये में खरीदे जाएंगे iPad
महाराष्ट्र सरकार ने मंत्रियों और आला अधिकारियों के लिए 50 Apple iPad खरीदने का फैसला किया है। इन टचस्क्रीन टैबलेट्स की कुल लागत 1,16,65,000 रुपये (कर सहित) होगी। सरकार का कहना है कि ये iPad ऊर्जा, उद्योग और श्रम विभाग द्वारा सुझाए गए तकनीकी मानकों के अनुसार होंगे। इन डिवाइसेज में 1 या 2 टीबी स्टोरेज क्षमता होगी, जो हाई-एंड Apple मॉडल्स में शामिल है।
राज्य के मुख्य सचिव ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए भेजा था, जिसके बाद वित्त मंत्रालय ने भी इसे हरी झंडी दे दी। इन iPads को कैबिनेट मंत्रियों और मंत्रिपरिषद के सदस्यों के बीच वितरित किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे न केवल कामकाज में आसानी होगी, बल्कि कागजी प्रक्रिया में कमी आएगी।
पेपरलेस कैबिनेट मीटिंग्स का सपना होगा साकार
ई-कैबिनेट प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि कैबिनेट की बैठकें अब कागज रहित तरीके से आयोजित की जा सकेंगी। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा। मंत्रियों और अधिकारियों को डिजिटल दस्तावेजों तक तुरंत पहुंच मिलेगी, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज और प्रभावी होगी।
सीएम देवेंद्र फडणवीस की समीक्षा बैठक: स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में मुंबई में एक अहम बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए एशियाई विकास बैंक (ADB) की सहायता पर चर्चा हुई। सीएम ने स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई बड़े निर्देश दिए।
स्वास्थ्य संस्थानों को अपग्रेड करने की योजना
बैठक में एडीबी के सहयोग से राज्य भर में स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को उन्नत करने के लिए एक मिशन-मोड परियोजना तैयार करने की बात कही गई। इसमें समय पर रेफरल सेवाएं, कीमोथेरेपी, और विकिरण जैसे उपचारों पर जोर दिया गया। साथ ही, राष्ट्रीय कैंसर उपचार नीति के साथ तालमेल बिठाने की योजना बनाई गई। सीएम ने दोनों विभागों को नवीन दृष्टिकोण के साथ स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत करने के लिए ठोस प्लान तैयार करने को कहा।
नए मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों पर फोकस
सीएम ने उच्च मांग वाले क्षेत्रों में सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) और अस्पतालों के निर्माण की समीक्षा की। खास तौर पर नए कॉलेजों वाले जिलों में स्वतंत्र अस्पतालों की जरूरत पर बल दिया गया। इसके अलावा, धाराशिव में एक नए अस्पताल की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया।
स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली और अंग दान संस्थान
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को केंद्र बनाकर एक नेटवर्क स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है। साथ ही, एक समर्पित अंग दान और प्रत्यारोपण संस्थान की स्थापना की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। चल रही अस्पताल परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
महाराष्ट्र में डिजिटल और स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति
महाराष्ट्र सरकार की ये दोनों पहल – ई-कैबिनेट प्रणाली और स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास – राज्य को आधुनिक और बेहतर प्रशासन की ओर ले जा रही हैं। जहां iPad के जरिए प्रशासन को डिजिटल बनाया जा रहा है, वहीं स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इन योजनाओं से न केवल कामकाज में तेजी आएगी, बल्कि आम जनता को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
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