महाराष्ट्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को लागू करने की विस्तृत योजना तैयार कर ली है। ये नीति शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से चरणबद्ध तरीके से लागू होगी, जो महाराष्ट्र के स्कूलों में शिक्षा के ढांचे को पूरी तरह बदल देगी। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि NEP 2020 के तहत महाराष्ट्र में क्या खास बदलाव होने जा रहे हैं और ये आपके बच्चों के भविष्य को कैसे प्रभावित करेगा।
NEP 2020: महाराष्ट्र में क्या है खास?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य शिक्षा को अधिक समावेशी, लचीला और भविष्योन्मुखी बनाना है। महाराष्ट्र सरकार ने इस नीति को लागू करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।
- चरणबद्ध लागू होगी नीति: NEP 2020 को कक्षा 1 से शुरू करते हुए शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में लागू किया जाएगा। ये नीति 2028-29 तक सभी कक्षाओं में पूरी तरह लागू हो जाएगी। इसका मतलब है कि धीरे-धीरे पूरे स्कूली सिस्टम में बदलाव देखने को मिलेगा।
- 5+3+3+4 मॉडल होगा आधार: महाराष्ट्र में नई शिक्षा नीति के तहत 5+3+3+4 का ढांचा अपनाया जाएगा। इसमें 5 साल की फाउंडेशन स्टेज, 3 साल की प्रीपरेटरी स्टेज, 3 साल की मिडिल स्टेज और 4 साल की सेकेंडरी स्टेज शामिल होगी। पाठ्यक्रम को स्थानीय जरूरतों के हिसाब से SCERT और बालभारती द्वारा तैयार किया जाएगा।
- हिंदी होगी अनिवार्य तीसरी भाषा: मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा। ये कदम हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और छात्रों को त्रिभाषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
- शिक्षकों का डिजिटल प्रशिक्षण: सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक 80% शिक्षकों को नई शिक्षण पद्धतियों और डिजिटल उपकरणों में प्रशिक्षित किया जाए। इससे शिक्षक आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ा सकेंगे।
हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने का फैसला न केवल भाषाई विविधता को बढ़ावा देगा, बल्कि बच्चों को राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर अवसरों के लिए भी तैयार करेगा।
NEP 2020 से बच्चों को क्या फायदा होगा?
ये नीति बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक और रचनात्मक कौशल सिखाने पर जोर देती है। डिजिटल शिक्षा और शिक्षक प्रशिक्षण के जरिए छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार किया जाएगा। साथ ही, हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने से बच्चों की भाषाई क्षमता बढ़ेगी, जो उनके करियर में मददगार साबित होगी।
महाराष्ट्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लागू होना शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत है। ये नीति न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा देगी, बल्कि शिक्षकों और स्कूलों को भी आधुनिक बनाएगी। अगर आप इस नीति के बारे में और जानना चाहते हैं या अपने बच्चों के लिए इसके फायदों को समझना चाहते हैं, तो नियमित रूप से हमारी वेबसाइट पर बने रहें।
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