महाराष्ट्र में गोवंश संरक्षण (गौशालाओं) को मदद मिलेगी। नई सरकारी योजना के अंतर्गत, राज्य के 31 जिलों की 152 गौशालाओं को आर्थिक अनुदान देने का फैसला किया गया है।
गौशालाओं की संख्या: 152
जिलों की संख्या: 31 (ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, नागपुर आदि शामिल)
अनुदान राशि: 15 लाख से 25 लाख रुपए
पहली किश्त: कुल स्वीकृत धनराशि का 60%
पात्रता का आधार: पशुओं का ईयर टैगिंग और पंजीकरण
गौशालाएँ देश में गायों (गोवंश) की देखभाल के लिए बने आश्रय स्थल होते हैं। इनका संचालन विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं करती हैं। महाराष्ट्र (और भारत) में गोवंश के संरक्षण को धार्मिक तथा सामाजिक तौर पर महत्व दिया जाता है। समय के साथ-साथ पशुओं का पालन करना आसान नहीं रह गया है इसलिए सरकार गौशालाओं को मदद देने के लिए आगे आई है।
महाराष्ट्र सरकार ने ‘ गोवर्धन गोवंश सेवा केंद्र योजना’ लागू की है। इसके तहत महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों (ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, नागपुर आदि) में स्थापित कुल 152 गौशालाओं को सरकार वित्तीय सहायता देगी। गौशाला में मौजूद पशुओं का उचित पंजीकरण होना और उनका ईयर टैगिंग किया जाना, इस अनुदान को पाने की बुनियादी शर्त है। ये सरकारी सहायता मिलने पर गौशालायें गायों को बेहतर खाना, दवाई और देखभाल मुहैया करा पाएंगी।
गौशालाओं की संख्या – 152
जिलों की संख्या – 31
अनुदान राशि – 15 लाख से 25 लाख रुपए प्रति गौशाला