मुंबई

हाईकोर्ट ने जरांगे-पाटील को इलाज कराने का दिया आदेश, मराठा आरक्षण के लिए अनशन जारी

हाईकोर्ट ने जरांगे-पाटील को इलाज कराने का दिया आदेश, मराठा आरक्षण के लिए अनशन जारी
मुंबई: मराठा आरक्षण को लेकर कानून बनाने की मांग पर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे-पाटील की हालत गुरुवार को बेहद नाजुक हो गई। पिछले 6 दिनों से खाना-पानी नहीं होने के चलते वह काफी कमजोर हो गए हैं। जिसकी वजह से उनकी हालत चिंताजनक बन गई है।
जरांगे-पाटील के अनशन के खिलाफ मुंबई हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जरांगे-पाटील से सवाल पूछते हुए कहा कि जरांगे को इलाज कराने में क्या परेशानी है? अदालत ने आदेश दिया कि मनोज जरांगे-पाटील जालना के शल्यचिकित्सक डॉ. विनोद चावरे से उपचार कराएं।
राज्य सरकार मराठा आरक्षण पर कानून पास करने के लिए 20 फरवरी को विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान कर चुकी है। बावजूद इसके जरांगे-पाटील अनशन पर बैठे हुए हैं। गुरुवार को जरांगे की हालत ज्यादा खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें सलाइन लगानी पड़ी।
उधर डॉ. गुणरत्न सदावर्ते की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि मनोज जरांगे-पाटील जालना के शल्यचिकित्सक और डॉ. विनोद चावरे से उपचार कराएं।
हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि आंदोलन करना नागरिक के तौर पर आपका अधिकार है, लेकिन उससे कानून-व्यवस्था को लेकर खतरा उत्पन्न न हो यह भी आपकी जिम्मेदारी है। किसी भी आंदोलन से जनता को दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि जरांगे-पाटील डॉक्टरों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं।
राज्य सरकार में मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल ने जरांगे-पाटील पर निशाना साधते हुए कहा कि जरांगे का दोबारा से अनशन करने का कारण क्या है? भुजबल ने कहा कि वह श्रेय लेने के लिए दोबारा से अनशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार को मराठा समाज को अलग से आरक्षण दिया जाना चाहिए। लेकिन ओबीसी के आरक्षण में से किसी को भी आरक्षण दिए जाने का हम विरोध करेंगे।

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