महाराष्ट्र

गोराई के 2000 परिवारों को रोज़ मिलेगा पानी, बॉम्बे हाईकोर्ट ने BMC को दिए सख्त निर्देश

बॉम्बे हाईकोर्ट
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) को गोराई के 2,000 से अधिक परिवारों के लिए रोज़ाना 10 पानी के टैंकर (प्रत्येक 10,000 लीटर क्षमता) उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने ये भी कहा कि कोई भी नगरपालिका संस्था पानी जैसी बुनियादी ज़रूरत से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती।

दरअसल गोराई ग्रामवासी कल्याण संघ ने एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि इलाके में रहने वाले 7,000 निवासियों को पर्याप्त स्वच्छ पेयजल नहीं मिल रहा है।

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243-W के अनुसार नगरपालिकाओं का ये कर्तव्य है कि वे घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें। मुंबई नगर निगम अधिनियम भी BMC पर ये ज़िम्मेदारी डालता है। कोर्ट ने ये भी कहा कि घरेलू उपयोग के लिए पीने के पानी की आपूर्ति को “सर्वोच्च प्राथमिकता” दी जानी चाहिए।

BMC का पक्ष

BMC के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए चार टैंकरों का इंतज़ाम किया गया है और निर्माण कार्य 2024 के अंत तक पूरा होने की संभावना है।

हाईकोर्ट का फ़ैसला

हाईकोर्ट ने कहा कि 2,000 से अधिक परिवारों के लिए सिर्फ चार पानी के टैंकर पर्याप्त नहीं हैं। कोर्ट ने BMC को अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहा और उसे प्रतिदिन 10 पानी के टैंकर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। बॉम्बे हाईकोर्ट का ये फ़ैसला गोराई के बाशिंदों के लिए बहुत राहत की बात है। ये भी दर्शाता है कि नागरिकों के बुनियादी अधिकारों के लिए अदालतें कितनी गंभीर हैं।

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