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शिक्षक दिवस पर 50 शिक्षकों का सम्मान, जानें किन्हें मिला प्रतिष्ठित पुरस्कार

शिक्षक दिवस पर 50 शिक्षकों का सम्मान, जानें किन्हें मिला प्रतिष्ठित पुरस्कार

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के आयोजन (शिक्षक दिवस के अवसर पर) में देश के 50 बेहतरीन शिक्षकों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन शिक्षकों के योगदान को सराहने के लिए दिया गया जो शिक्षा के क्षेत्र में अपनी बेहतरीन सेवाएं दे रहे हैं। पुरस्कार के तहत शिक्षकों को 50,000 रुपये नकद, सिल्वर मेडल, और एक प्रमाण पत्र दिया गया।

शिक्षकों की भूमिका और राष्ट्रीय पुरस्कार का महत्व: हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर, देशभर के शिक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारने और छात्रों के जीवन को बदलने के लिए सराहे जाते हैं। इस साल का राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार एक विशेष आयोजन के साथ नई दिल्ली के विज्ञान भवन में संपन्न हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य न केवल शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार और नई शिक्षण विधियों के प्रोत्साहन का भी प्रतीक है। इस कार्यक्रम में कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के शिक्षकों को सम्मानित किया गया।

पुरस्कार विजेताओं का चयन और योगदान: इस साल, देश के विभिन्न हिस्सों से 50 शिक्षकों का चयन किया गया। इन शिक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है और अपने छात्रों को न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं में भी मार्गदर्शन किया है। इनमें कर्नाटक के नरसिम्हा मूर्ति एचके, पश्चिम बंगाल के आशीष कुमार रॉय, और उत्तर प्रदेश से रविकांत द्विवेदी जैसे शिक्षकों का नाम प्रमुखता से लिया गया।

इन शिक्षकों ने न केवल परंपरागत शिक्षण पद्धतियों को अपनाया बल्कि छात्रों की समग्र शिक्षा और विकास के लिए नवीनतम तकनीकों और संसाधनों का भी उपयोग किया। यह पुरस्कार देशभर के शिक्षकों को प्रेरित करने के साथ-साथ नई शिक्षा नीतियों को बढ़ावा देने का भी कार्य करता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी ने जिन 50 शिक्षकों का आज (शिक्षक दिवस के अवसर पर) पुरस्कार देकर सम्मानित किए हैं। उनके नाम इस प्रकार हैं।

देश के 50 बेस्ट टीचरों कि लिस्ट

  1. अविनाशा शर्मा (हरियाणा)
  2. सुनील कुमार (हिमाचल प्रदेश)
  3. पंकज कुमार गोयल (पंजाब)
  4. राजिंदर सिंह (पंजाब)
  5. बलजिंदर सिंह बराड़ (राजस्थान)
  6. हुकम चंद चौधरी (राजस्थान)
  7. कुसुम लता गरिया (उत्तराखंड)
  8. चंद्रलेखा दामोदर मेस्त्री (गोवा)
  9. चंद्रेश कुमार बोलाशंकर बोरिसागर (गुजरात)
  10. विनय शशिकांत पटेल (गुजरात)
  11. माधव प्रसाद पटेल (मध्य प्रदेश)
  12. सुनीता गोधा (मध्य प्रदेश)
  13. के. शारदा (छत्तीसगढ़)
  14. नरसिम्हा मूर्ति एच.के. (कर्नाटक)
  15. द्विति चंद्र साहू (ओडिशा)
  16. संतोष कुमार कर (ओडिशा)
  17. आशीष कुमार रॉय (पश्चिम बंगाल)
  18. प्रशांत कुमार मारिक (पश्चिम बंगाल)
  19. उरफाना अमीन (जम्मू और कश्मीर)
  20. रविकांत द्विवेदी (उत्तर प्रदेश)
  21. श्याम प्रकाश मौर्य (उत्तर प्रदेश)
  22. डॉ. मिनाक्षी कुमारी (बिहार)
  23. सिकेन्द्र कुमार सुमन (बिहार)
  24. के. सुमा (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह)
  25. सुनीता गुप्ता (मध्य प्रदेश)
  26. चारू शर्मा (दिल्ली)
  27. अशोक सेनगुप्ता (कर्नाटक)
  28. एच. एन. गिरीश (कर्नाटक)
  29. नारायणस्वामी आर (कर्नाटक)
  30. ज्योति पंका (अरुणाचल प्रदेश)
  31. लेफिज़ो अपोन (नागालैंड)
  32. नंदिता चोंगथम (मणिपुर)
  33. यांकिला लामा (सिक्किम)
  34. जोसेफ वनलालहरूइया सेल (मिजोरम)
  35. एवरलास्टिंग पिंगरोप (मेघालय)
  36. डॉ. नानी गोपाल देबनाथ (त्रिपुरा)
  37. दीपेन खानिकर (असम)
  38. डॉ. आशा रानी (झारखंड)
  39. जिनु जॉर्ज (केरल)
  40. के. शिवप्रसाद (केरल)
  41. मिडी श्रीनिवास राव (आंध्र प्रदेश)
  42. सुरेश कुनाती (आंध्र प्रदेश)
  43. प्रभाकर रेड्डी पेसरा (तेलंगाना)
  44. थदुरी संपत कुमार (तेलंगाना)
  45. पल्लवी शर्मा (दिल्ली)
  46. चारु मैनी (हरियाणा)
  47. गोपीनाथ आर (तमिल)
  48. मुरलीधरन रमिया सेथुरमन (तमिल)
  49. मंतैया चिन्नी बेडके (महाराष्ट्र)
  50. सागर चित्तरंजन बागडे आर (महाराष्ट्र)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षकों के योगदान की सराहना करते हुए कहा, “शिक्षक समाज के आधारस्तंभ होते हैं। उनका कार्य न केवल शिक्षा देना है, बल्कि छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनाना भी है। हमें ऐसे शिक्षकों की आवश्यकता है, जो शिक्षा के माध्यम से हमारे समाज को नई दिशा दे सकें।”

उन्होंने आगे कहा कि शिक्षकों के बिना कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता। उनके द्वारा की गई मेहनत और छात्रों के जीवन में किए गए बदलाव समाज की नींव को मजबूत बनाते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की दिशा: राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार केवल एक सम्मान नहीं है, बल्कि यह उन प्रयासों को भी मान्यता देता है जो शिक्षक शिक्षा प्रणाली को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए करते हैं। शिक्षक लगातार अपने तरीकों को अपडेट करते हैं, नए-नए विचारों और तकनीकों का उपयोग करते हैं ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। इस प्रकार के पुरस्कार इस दिशा में किए गए कार्यों को पहचानने और प्रोत्साहित करने का काम करते हैं।

इस साल जिन शिक्षकों को यह पुरस्कार मिला, उन्होंने अपने कार्य के माध्यम से न केवल अपने छात्रों के भविष्य को संवारने का कार्य किया है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा बने हैं।


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