महाराष्ट्र

महाराष्ट्र दिवस: क्या आप इसके इतिहास के बारे में जानते हैं?

महाराष्ट्र दिवस: क्या आप इसके इतिहास के बारे में जानते हैं?

आज 1 मई है और पूरा महाराष्ट्र बड़े ही धूमधाम से अपना स्थापना दिवस मना रहा है! मराठी लोग अपने राज्य के गठन के इस दिन को बड़े गर्व के साथ मनाते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि महाराष्ट्र राज्य बना कैसे?

आज़ादी मिलने के बाद भारत के सामने एक बड़ी चुनौती थी – राज्यों का नए सिरे से गठन। भाषा और संस्कृति को ध्यान में रखकर नए राज्यों को बनाया गया। लेकिन बंबई (अब मुंबई) जैसे बड़े शहरों में दिक्कतें थीं। वहां गुजराती और मराठी बोलने वाले लोग साथ रहते थे, और अक्सर व्यापार या भाषा की वजह से झगड़े होने लगे थे।

महाराष्ट्र कैसे बना अलग राज्य?

इस बढ़ते हुए झगड़े को रोकने का एक ही रास्ता था कि अलग-अलग राज्यों का गठन हो। इसीलिए 1 मई 1960 में बंबई राज्य को तोड़कर महाराष्ट्र और गुजरात दो राज्य बनाए गए। तबसे लेकर आज तक, पूरे महाराष्ट्र में 1 मई को बड़े ही जोश के साथ महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है।

महाराष्ट्र दिवस: क्यों है खास?

महाराष्ट्र दिवस पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है। इस दिन ने मराठी लोगों को पूरे भारत में अपनी अलग पहचान दी है। 1 मई का दिन राज्य के जन्म का तो प्रतीक है ही, साथ ही उन लोगों को याद करने का भी, जिन्होंने महाराष्ट्र को अपना राज्य बनाने के लिए खूब मेहनत की थी।

महाराष्ट्र का गठन हमें ये दिखाता है कि कैसे भाषा और संस्कृति के आधार पर भारत में शांति से राज्य बनाए गए। यह भारत की उस खासियत को दर्शाता है जहां अलग-अलग संस्कृतियां साथ रह सकती हैं।

आज के दिन पूरे राज्य में रंगारंग कार्यक्रम, परेड, और नाच-गाने होते हैं। लोग पारंपरिक कपड़े पहनते हैं और स्वादिष्ट मराठी खाना खाते हैं। महाराष्ट्र अपनी गुफाओं, किलों, और समुद्र तटों के लिए भी मशहूर है।

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