सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने साफ कहा है कि जीएसटी के बकाये के लिए कारोबारियों को डराना-धमकाना और उन पर ज़ुल्म करना बंद होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकारी कारोबारियों से ज़बरदस्ती वसूली नहीं कर सकते, उन्हें समझाकर, कुछ दिन की मोहलत देकर ही बकाया लेने की कोशिश होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट को कई ऐसी याचिकाएं मिली थीं जिनमें कारोबारियों ने आरोप लगाया था कि जीएसटी अधिकारी बकाया वसूलने के नाम पर उनसे बदसलूकी कर रहे हैं और तलाशी के दौरान धौंस जमा रहे हैं। इसी के मद्देनज़र कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
जीएसटी कानून में ऐसा कोई नियम नहीं है, जो अधिकारियों को बकाया वसूली के लिए बल प्रयोग करने की इजाज़त देता हो।
अगर कोई कारोबारी तुरंत बकाया नहीं चुका पाता है, तो उसे सलाह लेने और कुछ दिनों में पैसे चुकाने का मौका देना चाहिए।
अधिकारी किसी कारोबारी को धमकियां देकर या गिरफ्तारी का डर दिखाकर उससे पैसे नहीं ले सकते।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उन कारोबारियों के लिए एक बड़ी राहत है जो बकाया जीएसटी नहीं चुका पाए हैं। कई बार अधिकारियों का रवैया इतना सख्त हो जाता है कि कारोबारी परेशान हो जाते हैं। लेकिन, कोर्ट ने अब व्यवस्था को संतुलित करने की कोशिश की है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अगर कोई कारोबारी कर चोरी के इरादे से काम कर रहा है, तो फिर उस पर सख्ती की जा सकती है।