सपनों का शहर मुंबई कई मायनों में खास है। क्या आप जानते हैं कि ‘वर्ल्ड लाफ्टर डे’ (World Laughter Day) मनाने की शुरुआत भी मुंबई से ही हुई थी? जी हां, साल 1998 में मुंबई के एक डॉक्टर ने पहली बार ये दिन मनाया था, और तब से ये परंपरा हर साल जारी है।
मुंबई के पार्कों में सुबह-सुबह लोगों को हंसते हुए देखना आम बात है। वर्ल्ड लाफ्टर डे मई महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। लोग हंसने के लिए खास क्लब भी बनाते हैं, जहां वो साथ मिलकर हंसने का अभ्यास करते हैं। मुंबई में तो बुजुर्गों के लिए भी ऐसे क्लब हैं।
हंसने के फायदे
हंसने को एक थेरेपी भी माना जाता है। इससे ना सिर्फ मन हल्का और खुश होता है, बल्कि सेहत पर भी अच्छा असर पड़ता है। मुंबई के कई लाफ्टर क्लब के लोग कहते हैं कि हंसने से फेफड़े मजबूत होते हैं, खून में ऑक्सीजन की मात्रा बेहतर होती है, और ‘फील गुड’ हार्मोन निकलते हैं।
मुंबई के कुछ फेमस लाफ्टर क्लब
जुहू लाफ्टर क्लब: समुद्र किनारे हंसने का मज़ा ही कुछ और है।
मुलुंड के लाफ्टर क्लब्स: यहां सिर्फ हंसी-मज़ाक ही नहीं, त्योहार और जन्मदिन भी साथ मनाए जाते हैं।
कोरोना महामारी के दौरान कुछ समय के लिए ये क्लब बंद हो गए थे, लेकिन अब फिर से ज़ोरों पर हैं। कई लोग ऑनलाइन भी हंसने के सेशन करते हैं। लाफ्टर क्लब के लोग कहते हैं कि साथ मिलकर हंसने से ना सिर्फ मूड अच्छा होता है, बल्कि समाज में भाईचारा भी बढ़ता है।
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