राहुल गांधी ने सार्वजनिक बहस के निमंत्रण का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी इसमें भाग लेने के लिए सहमत होंगे, तब विवरण तय किया जा सकता है।
इस निमंत्रण को पूर्व न्यायाधीशों और एक वरिष्ठ पत्रकार ने भेजा था, जिसमें आरोपों और चुनौतियों का सीधे तौर पर जवाब देने के लिए एक गैर-पक्षपाती मंच पर बहस करने का प्रस्ताव था। राहुल गांधी ने इस निमंत्रण को स्वीकार किया और प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ऐसी बहस से उनके संबंधित दृष्टिकोणों को समझने में मदद मिलेगी और लोगों को सूचित निर्णय लेने में सहायता होगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि यह बहस उनके संबंधित पार्टियों के लिए अनुचित आरोपों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है।
राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में एक सभा में कहा था कि वे सार्वजनिक बहस के लिए 100% तैयार हैं, लेकिन उन्हें पता है कि नरेंद्र मोदी उनके साथ बहस नहीं करेंगे। निमंत्रण में कहा गया था कि जनता केवल आरोपों और चुनौतियों को सुनती है, लेकिन कोई अर्थपूर्ण प्रतिक्रिया नहीं मिलती। इसलिए, यह बहस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने में मदद करेगी।
अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री मोदी इस बहस के लिए सहमत होते हैं या नहीं, और यदि होते हैं, तो इस बहस का स्वरूप और विवरण क्या होगा।