मुंबई की झुग्गियों में रहने वाली गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में एनीमिया के मामले कम हुए हैं। साथ ही, बच्चों के पोषण और टीकाकरण में भी सुधार देखा गया है।
सोसायटी फॉर न्यूट्रिशन, एजुकेशन एंड हेल्थ एक्शन (SNEHA) और एचटी पारेख फाउंडेशन ने मिलकर एक सर्वे किया, जिसमें मुंबई की झुग्गी बस्तियों में रहने वाली माँ और बच्चों की सेहत पर अच्छी खबर सामने आई है।
क्या कहता है सर्वे? सर्वे में पाया गया कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में एनीमिया के मामले 2021 में 52% से घटकर 2024 में 38% हो गए हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि एनीमिया से माँ और बच्चे दोनों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
बच्चों के खाने-पीने में भी सुधार: सर्वे में यह भी पाया गया कि बच्चों को स्तनपान कराने, सही समय पर ऊपरी आहार शुरू करने और उनके खाने की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। बच्चों में टीकाकरण का कवरेज भी बढ़ा है।
कुपोषण में कमी: इन सब सुधारों के कारण झुग्गी बस्तियों के 0-5 साल के बच्चों में कुपोषण के मामले भी कम हुए हैं। बच्चों में स्टंटिंग (कद की कमी) और अंडरवेट (वजन की कमी) दोनों में कमी आई है।
यह सर्वे बताता है कि सही पोषण और देखभाल से माँ और बच्चों की सेहत में कितना बड़ा सुधार हो सकता है। SNEHA और एचटी पारेख फाउंडेशन का यह प्रयास वाकई काबिले तारीफ है।
यह सर्वे मुंबई की दो झुग्गी बस्तियों में 2021 से 2024 के बीच 16,000 से ज्यादा लोगों पर किया गया। SNEHA ने मनखुर्द, गोवंडी और धारावी जैसी जगहों पर पोषण परामर्श, कुपोषण की पहचान और इलाज जैसे कई कार्यक्रम चलाए हैं।
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