पंजाब की सियासत में नया तूफान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक जनसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) पर कड़े शब्दों में हमला बोला। उन्होंने AAP को ‘झाड़ू पार्टी’ कहते हुए नशे की होलसेलर करार दिया। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री को अपने ‘मालिक’ से आदेश लेने के लिए तिहाड़ जेल जाना पड़ा। इसके अलावा, उन्होंने इंडी गठबंधन पर भी निशाना साधा और कहा कि वे पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।
पीएम मोदी के इस बयान को पंजाब की राजनीति में चल रहे तनावपूर्ण माहौल का परिणाम माना जा रहा है। उनके आरोपों का मुख्य बिंदु यह है कि AAP सरकार नशे के खिलाफ अपने वादों पर खरी नहीं उतरी है और पंजाब में नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा, पीएम मोदी ने यह भी संकेत दिया कि पंजाब की राजनीति में बाहरी प्रभाव है और मुख्यमंत्री को अपने फैसले लेने के लिए दिल्ली की अनुमति की आवश्यकता होती है।
इस बयान के बाद, राजनीतिक विश्लेषकों और आम जनता में विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोग पीएम मोदी के बयानों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का एक हिस्सा मान रहे हैं। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि पंजाब की राजनीति में नशे का मुद्दा एक प्रमुख चिंता का विषय बना हुआ है और इस पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच मतभेद हैं।